रूण फखरुद्दीन खोखर
बैंक और किसानी योजनाओं से संबंधित दी जानकारी
रूण- राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक रूण और राष्ट्रीय कृषि एवम् ग्रामीण विकास बैंक के सयुक्त तत्वाधान मे राजस्थली शिक्षण संस्थान रूण में वित्तीय और डिजिटल साक्षरता शिविर आयोजित बुधवार को हुआ।
साक्षरता समानव्यक बीरमा राम नैन द्वारा ग्रामीण बच्चों को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओ तथा प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना ,प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना ,अटल पैंशन योजना, एटीएम कार्ड लेन देन पर दुघर्टना बीमा योजना ,साइबर सुरक्षा उपाय, एसबीआई लाइफ़, इंश्योरेंस पॉलिसी ,डिजिटल लेन देन ,आधार लिंकेज करवाना, पिन ओटीपी ,सीवीवी नम्बर ,एटीएम नम्बर ,बैंक खाते से संबंधित जानकारी किसी अनजान से साझा नहीं करना ,गोपनीयता रखना
दिसा ऐप से खाता खोलना, मिस कॉल अलर्ट सुविधा, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना ,डीजीटल लेन देन से संबंधित शिकायत दर्ज करवाने, बैकिंग लोकपाल, डिजिटल लेन देन ,फ्रॉड होने पर राष्ट्रीय साइबर क्राइमर कंपलेंट पोर्टल के माध्यम से 155260 मोबाईल नम्बर पर शिकायत दर्ज करवाना आदि की जानकारी विस्तार से देकर जागरूक किया गया। शाखा प्रबंधक नदीमखान कुरैशी द्वारा बैंक की विभिन्न ऋण जमा योजनाओं तथा किसानों से संबंधित जानकारी विस्तार से दी गई।
*‘कृषि अवसरंचना निधि’ का बढ़ा दायरा , अब प्रेसिजन फार्मिंग, ड्रोन तथा अर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस से सम्बंधित परियोजना भी शामिल*
– योजना की ‘टॉप अप’प्रणाली के तहत दोहरे लाभ की सुविधा*
मोटी बात ये है कि देश में खेती से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट वगैरह के अभाव को देखते हुए इस फंड की शुरूआत की गयी है. इस योजनाके तहत किसान भाईयों के लिए एक लाख करोड़ रुपए तक के ऋण की व्यवस्था की गयी है।
*इन प्रोजेक्ट्स के लिए मिल सकता है योजना का लाभ*
ये फंड कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, कलेक्शन सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट, परख केंद्र, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट, ई-प्लेटफॉर्म जैसी इकाइयों के निर्माण के लिए प्राप्त किया जा सकता है। इस योजना का मूल उद्देश्य किसानों के लिए खेती से जुड़े ढांचे का विकास करना। विशेष बात यह है कि फसल के उत्पादन के बाद यदि बेहतर ढांचागत सुविधा हो तो किसानों को उपज का मूल्य भी ज्यादा मिलेगा और इससे अनाज की बर्बादी में भी कमी आएगी।
इस योजना की ‘टॉप अप’प्रणाली के तहत दोहरे लाभ की सुविधा प्राप्त की जा सकती है।, अर्थात यदि किसी पात्र व्यक्ति को पहले से ही किसी अन्य योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त हो रही हो तब भी वह इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है। इसमें राज्य सरकार की एग्रो प्रोसेसिंग, एग्रो बिजनेस, एग्रो एक्सपोर्ट प्रोत्साहन पॉलिसी 2019 मुख्य है। एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत नाबार्ड द्वारा को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से गांवों में पैक्स को श्माल मार्केटिंग हब के रूप में मजबूत करने और उनके बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बहुत कम ब्याज दरों पर ऋण सहायता प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर नागौर में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक मोहित चौधरी ने बताया कि इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानो को प्रतिवर्ष 3 फीसदी ब्याज में छूट तथा दो करोड़ रुपए तक कर्ज के लिए सीजीटीएमएसई स्कीम के तहत लोन गारंटी कवरेज भी दी जा रही है। इस गारंटी के लिये ट्रस्ट का शुल्क सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। नागौर जिले में इस योजना के तहत अब तक 11 वेयर हाउस, 2 सोर्टिंग तथा ग्रेडिंग इकाइया एवं 6 प्रसस्करण यूनिट्स के लिए बैंको द्वारा 35.18 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत किया जा चुके है।
सभी अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत लाभ उठाया जा सकता है। योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान नाबार्ड बैंक तथा कृषि विपणन बोर्ड व किसी भी बैंक की शाखा से भी संपर्क कर सकते हैं। इस मौके पर स्कूल प्रबंधक शंकरराम गोलिया,सहदेव गोलिया सहित काफी संख्या में किसान भी उपस्थित थे