रूण फखरुद्दीन खोखर
रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम वर्ग इन दिनों रोजा, नमाज ,जकात और अन्य धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में अपने घर वालों को देखते हुए छोटे-छोटे बच्चे भी नमाज के साथ-साथ रोजा रखने में उत्सुकता दिखा रहे हैं।
गांव रूण के कबीर अली सैयद ने बताया कि उसकी 8 वर्षीय बेटी सानिया ने पहला रोजा रखा, इसी कड़ी में सैयदों की ढाणी के नेक मोहम्मद ने बताया कि उसकी 7 वर्षीय बेटी अलविरा ने भी अब तक पांच रोजा रखा। इसी प्रकार सद्दाम हुसैन ने बताया कि उनकी 9 वर्षीय बहन फिरदोस ने अब तक 10 रोजे रख लिए हैं।
इस मौके पर रोजेदारों को रोजा खोलते वक्त शाम को फूल मालाए पहनाई गई और जिंदगी का पहला रोजा रखने पर पड़ोसियों द्वारा भी रोजा खोलने के वक्त मिठाई दी गई। गौरतलब है कि रमजान के इस पवित्र महीने में हर मुस्लिम वर्ग रोजे रखने के साथ-साथ नमाज पढ़ना, कुरान शरीफ पढ़ना और धार्मिक कार्यों में चंदा देना जैसे पवित्र कार्य कर रहे हैं।
इस संदर्भ में रूण अशरफी मस्जिद के पेश इमाम राशिद अली और रजा ए मुस्तफा मदरसा सैयदों की ढाणी के मौलाना साबिर अली ने बताया कि इस पवित्र महीने में नेकी के कार्य करते रहना चाहिए, उन्होंने बताया कि रमजान के रोजे 14 घंटे तक रखना बड़े लोगों के लिए भी कठिन है मगर छोटे-छोटे बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है, इस महीने में कदम कदम पर आपको नेक काम करते हुए शबाब (पुण्य)कमाना है। उन्होंने बताया कि रोजेदारों पर मौसम भी मेहरबान हो रहा है, अक्सर इस महीने में गर्मी रहती है लेकिन मौसम ठंडा होने की वजह से रोजा रखने वालों को कोई परेशानी नहीं हो रही है।