रूण फखरूद्दीन खोखर
रूण-मंगलवार रात्रि में रमजान महीने की सबसे पवित्र 27वीं रात को शबे कद्र की रात कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस रात्रि में पेड़ पौधे भी सजदा करते हैं तो इंसान को तो सजदा करना जरूरी है ही , इसी कड़ी में मंगलवार रात्रि में रूण सहित आसपास के सभी गांवो में मुस्लिम बंधुओं ने रमजान महीने की इस पवित्र रात में पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत की।
इस दौरान सभी मस्जिदों में अर्धरात्रि में विशेष नमाज पढ़ी गई। वही स्थानीय दरगाह बाबा बदरूदीन शाह मलंग शाह और कब्रिस्तान पर जाकर बुजुर्गों के नाम फातेहा पढी, इस दौरान गांव की सभी मस्जिदों को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया और स्थानीय बड़ला चौक में मोहल्ले वासियों द्वारा खीर बनाकर सभी को पिलाई गई।
इस दौरान सभी मस्जिदों में मौलाना हजरत ने देश में अमन ,चैन ,शांति, भाईचारे की दुआएं मांगी और किसी भी प्रकार के हुए पिछले गुनाहों की माफी मांगी। इस दौरान महिलाओं, बच्चों ने घर में रहकर कुरान शरीफ का पाठ किया और पूरी रात जागकर नमाजें पढकर दुआएं मांगी।
मौलाना मोहम्मद रफीक, ने बताया कि 1000 रातों की इबादत से बेहतर शबे कद्र की रात होती है हमें इस रात में जाग कर इबादत करने का मौका नहीं गंवाना चाहिए।