रूण फखरुद्दीन खोखर
सुबह शुभ मुहूर्त में पहुंचे खेतों में किसान
रूण-आखातीज का दिन किसानों के लिए खास होता है, बुजुर्गों की मान्यता के अनुसार आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसान इस दिन सुबह-सुबह शुभ मुहूर्त में हलोत्या करने के लिए खेतों में जाते हैं।
किसान पहलादराम, गरीबराम तांडी सुरेश लालरिया, कालूराम नराधनिया ,रामेश्वर लालरिया ,कुनाराम खुड़खुड़िया सेनणी, ओमाराम महिया ,सुमेरराम गालवा भटनोखा, महेंद्र पुरी गोस्वामी सहित काफी किसानों ने बताया कि हमारे बड़े बुजुर्गों के बताए हुए रास्ते पर आज भी हम चलने का प्रयास करते हैं और आने वाली पीढ़ी को भी ऐसी मान्यता को याद रखना चाहिए, इसीलिए शनिवार को आखातीज के शुभ अवसर पर खेतों में कृषि उपकरण,पानी,बीज साथ में लेकर पहुंचे और किसान दंपत्तियों ने बीज बोकर शगुन निभाया।
पंडित रामकिशोर दाधीच, श्रीकृष्ण दाधीच ने बताया कि हमारे पिताश्री स्वर्गीय बंसीलाल दाधीच से काफी किसान ऐसे मौकों पर मुहूर्त पूछने के लिए आते थे और इसी कड़ी में आज भी काफी किसानों ने मुहूर्त पूछा उन्होंने बताया कि आज के दिन घर में गुड़ का बना पतला हलवा जिसको राजस्थानी में गलवानिया कहते हैं और सात अनाज के मिश्रण का खिचड़ा आज भी कई घरों में किसान परिवार बनाते हैं ।इसी प्रकार आज के दिन घर में सफेद छिपकली नजर आना, खेत जाते समय दाएं और तीतर का बोलना अच्छे जमाने के संकेत माने जाते हैं। लक्ष्मणराम बुडिया, रामकिशोर गोलिया ने बताया कि आज कुछ संकेत अच्छे जमाने के मिले हैं।