(दीपेन्द्र सिंह राठौड़) पादूकलां। कस्बे सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र में शनिवार को भगवान विष्णु जी के छठे अवतार ब्राह्मण शिरोमणि भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया कस्बे के सार्वजनिक तालाब किनारे स्थित सूरजपुरी जी बाबोसा मंदिर परिसर में विष्णु जी के छठेअवतार भगवान परशुराम जी की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई।
परशुराम एक वैदिक संस्कृति के प्रचारक औरसंहारक व शक्ति का संगम व नैतिकता व न्याय प्रिययता थे। उन्होने अपने माता पिता को माना ईष्वरतुल्य मानते थे। और बताया कि उनका जन्म वैषाख कृश्णपक्ष तृतीया को भृगुवंषाीय ऋशि जमदग्नि की पत्नी रेणुका के गर्भ से हुआ था। विष्णु के दस अवतारों में से छठे अवतार के रूप् में अवतरित हुऐ थे । ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान परशुराम अपने गुरू भगवान शिव से प्राप्त अमोघ दिव्य शस्त्र परशुफरसा को धरण करने के कारण यह पशुराम कहलाए।
जन्म समय में छहग्रह उश्च के होने से वे तेजस्वीओजस्वीए वर्चस्वी महापुरुष थे। युवा पीढी को परशुराम की जीवनसे प्रेरणालेनी चाहिए उनके जीवन से हमें प्रेरण उनके आदर्शों को अपने जीवनमें उतारे कहा भगवान परशुराम प्रतिमा पर पुष्पमाला चढक़र जन्म दिवस पर सभी बाह्रमण समाज को एकजुट होने का आवह्रन किया इस दौरान सहित कई बाह्रमण समाज के लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर समस्त छ न्यात समाज के लोग उपस्थित रहे । समाज के लोगो ने बताया कि 24 अप्रैल को 4:15 बजे रघुनाथ जी मंदिर से भव्य शोभा यात्रा प्रारंभ होगी जो की ग्राम के मुख्य मार्ग होते हुए रघुनाथ जी मंदिर पर आरती के साथ समापन होगा ।।