रूण फखरुद्दीन खोखर
चढ़ाई को समतल बनाने के लिए चल रहा है काम
रूण- गांव रूण से भटनोखा होते हुए खिवसर तक जाने वाले नए स्टेट हाईवे 87 सी का काम प्रगति पर चल रहा है । इस सड़क मार्ग पर नूरानी जामा मस्जिद रूण के पास मसतीया चढ़ाई को सबसे पहले 4 फीट तक नीचा करके समतल किया गया, अब इसी कड़ी में इसी रोड़ पर जीएसएस के पास स्थित आदेटीया धड़ा को भी नीचा करने का कार्य 2 दिनों से चल रहा है।
इस सड़क के ठेकेदार राकेश चोयल और कार्यक्रम प्रभारी दिलीप ने बताया दोनों चढाईयों को नीचा करने का मुख्य उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना है, क्योंकि मोड़ और चढ़ाई दोनों एक साथ होने से दोनों तरफ से वाहन तेज गति में आने से आमने सामने भिड़ंत या जंगली जानवरों के आने से दुर्घटना का पूरा खतरा रहता है और वही ओवरलोड वाहनों को चढ़ाई पार करने में भी परेशानी , ईंधन की खपत ज्यादा होती हैं, इन बातों को मद्देनजर रखते हुए विभाग के निर्देशानुसार यह कार्य किया गया है, अब इन दोनों जगह पर लंबी दूरी से भी सामने से आते हुए वाहन नजर आ जाएंगे, इसी प्रकार सेनणी- भटनोखा -रूण के बीच बरसाती पानी की निकासी के लिए नाले बनाने का कार्य प्रगति पर है। इन्होंने किसानों से निवेदन किया है कि अगर सिंचाई के लिए सड़क के दूसरी तरफ पाइप ले जाना चाहते हैं तो सड़क कार्य होने से पहले पहले आप पाइप डाल लें अन्यथा बाद में सड़क तोड़ने पर जुर्माना लगेगा।
*ग्रामीणों ने यहां की स्पीड ब्रेकर की मांग*
भटनोखा ,सैनणी,रूण के जागरूक ग्रामीण ओंकारसिंह राजपुरोहित, श्रवणराम गालवा, महेंद्रसिंह, महिपाल गालवा, माधुसिंह, सुमेरराम गालवा और रूण के इमरान खोखर, मनफूल अली, मौसम अली, मांगू खां गोरी, रजबअली पांडू और रोशन अली ने बताया कि इस रोड़ पर रूण दरगाह के पास , बीएसएनएल टावर बोकुंडिया के पास,भटनोखा -धवा चौराहा पर और जीएसएस के सामने हिंदी उर्दू स्कूल के पास स्पीड ब्रेकर और ताज सर्विस सेंटर के पास सुमेरराम गालवा की टुबेल के सामने खतरनाक मोड़ पर स्पीड ब्रेकर बनाने बेहद जरूरी है ,क्योंकि यहां पर काफी बार दुर्घटनाएं हो चुकी है, उन्होंने बताया कि स्पीड ब्रेकर से ही घटनाओं पर लगाम लग सकती है।
*इनका कहना है*
सड़क निर्माण कार्य के दौरान ग्रामीणों की राय लेकर संभावित दुर्घटना स्थलों पर स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे इसी तरह दिशा निर्देश के बोर्ड लगा दिए जाएंगे, इस सड़क मार्ग पर ऐसी राय देने के लिए हमारे सड़क प्रभारी से आप मिलकर बता सकते हैं।
चतुर्भुज खुड़ीवाल
पीडब्ल्यूडी एक्सईएन नागौर