पत्रकार बाबूलाल सैनी
लक्ष्मणगढ़ 22 मई । संघर्ष के पर्याय व लगातार जनसंपर्क कर आमजन से सीधा संवाद व जुड़ाव रखने वाले क्षेत्र के दिग्गज नेता दिनेश जोशी का प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में जाने का यह लास्ट चांस माना जा रहा है। जोशी समर्थक अभी नहीं तो कभी नही का नारा देकर चुनावी सीजन में जमकर मेहनत कर इस बार हर हाल में चुनाव जीतने की रणनीति अपनाने में जूटे हैं।
राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत में जाने के लिए अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में मात्र 34 मतों से हारने का दंश झेल रहे समर्थकों का मानना है कि अब राजधानी दूर नज़र नहीं । इस बार के चुनाव में समर्थक अभी नहीं तो कभी नही की थीम पर चुनावी बैतरणी पार करने के मूड में नजर आ रहे हैं। लक्ष्मणगढ़ के राजनैतिक इतिहास में सबसे लंबा व ऐतिहासिक कार्यकाल पालिका अध्यक्ष के रूप में पूरा करने का कीर्तिमान स्थापित कर लक्षमनगढ में रिकॉर्ड कायम करने वाले व विकास पुरुष के रूप अपनी इमेज कायम करने वाले जोशी लक्षमनगढ के ऐसे पहले सख्श है जिन्होंने अपने ही दम पर व कार्यकर्ताओं के सहयोग से पालिका में बोर्ड बनाने में कामयाब हुए तथा शहर का ऐतिहासिक विकास कार्य करवाया। साथ ही लक्षमनगढ इतिहास के पहले ऐसे सख्श भी है जिन्होंने पालिका अध्यक्ष रहते हुए पंचायती राज के चुनाव में अपनी सियासी ताकत का लोहा मनवाते हुए पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़कर विजयश्री हासिल की।
जोशी ने अपनी सियासत कांग्रेस से शुरू की बाद में लक्षमनगढ विकास मंच का गठन किया। मंच के बैनर तले पालिका में बोर्ड बनाने कामयाब हुए तथा सन् 2008 में लक्षमनगढ विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति से सामान्य में तब्दील होने पर जोशी ने लक्षमनगढ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडा तथा मात्र 34 मतों से चुनाव हार गए। उक्त चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हुई तथा कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा विधायक चुने गये। सन् 2013 में जोशी ने एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लक्षमनगढ विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाया। उक्त चुनाव में जोशी ने कांग्रेस भाजपा को कड़ी चुनौती दी हालांकि जोशी को 2013 में भी जीत नहीं मिल पाई। चुनाव में कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा लगातार दूसरी बार विधायक बने। सन् 2018 में भाजपा हाईकमान ने जोशी को पार्टी का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा लेकिन 2008 व 2013 में भाजपा प्रत्याशी रहे दोनों ही उम्मीदवारों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया ऐसे में भाजपा को एक फिर हार का सामना करना पड़ा तथा जोशी लगातार तीन विधानसभा के चुनाव हार गए तथा हार की हैट्रिक बना ली। उक्त चुनाव में कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर जीत की हैट्रिक बनाई। डोटासरा के हैट्रिक बनाते ही राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री बने तथा वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं।
लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट में से एक मानी जा रही। यहां से भाजपा ने मात्र एक मर्तबा ही कमल खिलाने में कामयाब हुई है ऐसे में पार्टी हर हाल में दूसरी बार कमल खिलाने के लिए भरसक प्रयास करेंगी। यह कमल जोशी के रूप में खिलेगा या किसी अन्य के नाम लिखा जायेगा या फिर एक बार फिर लक्षमनगढ में कांग्रेस का ही परचम लहराएगा यह आने वाले चुनाव में ही तय होगा। लेकिन जोशी समर्थक विधानसभा में जाने का यह अंतिम अवसर मान रहे हैं उनका मानना है कि अभी नहीं तो कभी नही इसी थीम और सोच के साथ इस वर्ष के अंतिम माह होने वाले विधानसभा चुनाव में चुनावी बैतरणी पार कर प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचने की कवायद की जा रही है।