पुण्य की जड़ पाताल में और पाप की जड़ अस्पताल में-संत चेतनराम महाराज


रूण फखरुद्दीन खोखर

दानदाताओं का हुआ सम्मान

रूण-निकटवर्ती गांव चिताणी में चल रही भागवत कथा के षस्टम दिवस में कथावाचक चेतनराम महाराज ने कहां कि ग्रामीणों द्वारा श्रीमद् भागवत कथा करने का मुख्य उद्देश्य गायों के लिए चारे, पानी, छाया का प्रबंध करना है, इसीलिए इस मौके पर दानदाता बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं जो बड़े ही गर्व की बात है,

उन्होंने कहा कि पाप की जड़ अस्पताल में और पुण्य की जड़ पाताल में होती है इसीलिए हमें यथासंभव अपने हाथों से दान करते रहना चाहिए, आगे इन्होंने भगवान बालकृष्ण लाल की सुंदर सुंदर बाल लीलावो का श्रवण करवाया और किस प्रकार से भगवान बृज में अवतार लेकर आते हैं और अपनी लीलावो सै भक्तो को आनंदित करते हैं भगवान ब्रज की गलियों में जाते हैं और गोपियों के घर में जाकर माखन चोरी करते हैं भगवान थोड़े बड़े होते हैं गो चारण करने जाते है कंस को पता चलता है को गोकुल मै मैरे काल नै जन्म ले लिया है

जब यह बात कंस को पता चलती है तो कंस अनेको राक्षसों को कृष्ण को मारने के लिए भेजता है और कंस के द्वारा भेजे गए अनैको राक्षसों का भगवान खेल ही खेल में उद्धार करते हैं और और कालिया नाग को ब्रज से निकाल कर कालिया नाग के प्रकोप से बृज वासियों की रक्षा करते हैं आगे भगवान गोवर्धन चीर हरण के लीला करते हैं। इसी प्रकार सजीव झांकियों से और बाल लीला उनसे आनंदित होकर श्रद्धालु नाचने को मजबूर हो गए इस मौके पर दानदाताओं का भी सम्मान महाराज के हाथों से मोमेंटो देकर और आयोजकों द्वारा साफा पहनाकर किया गया। आयोजकों ने बताया कि आज बुधवार को कथा समापन होगा जिसमें काफी संख्या में संत महात्मा और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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