रूण फखरुद्दीन खोखर
सेना के कई आला अधिकारी रहे मौजूद, पार्थिव शरीर पर अर्पित की पुष्पांजलि
भारत माता के जयघोष के साथ सैकङो लोगो की मौजूदगी में हुआ दाह संस्कार
रूण .विश्वयुद्ध सहित कई सैन्य लङाइयों में दुश्मनों के छक्के छुङाने वाले शतायु पार कर चुके सेवानिवृत्त कर्नल शिवजी सिंह राठौङ की पार्थिव देह सोमवार को उनके पैतृक गांव सैनणी में पंचतत्व में विलीन हो गई। गौरतलब है कि कर्नल राठौङ का रविवार देर शाम देहांत हो गया था। वह 101 वर्ष के थे और जीवन के अंतिम क्षण गांव में रहकर ग्रामीणों के बीच व्यतित कर रहे थे।
सोमवार को निकट सम्बधियों व सेना के आला अधिकारियों के पहुंचने के बाद गाजे-बाजे से कर्नल राठौङ की बैकुंठी निकाली गई। बैकुंठी में सैनणी सहित आस-पास के दर्जनभर गांवो से सैकङों की तादात में जनसैलाब शामिल हुआ। सभी के चहरे पर अजीब तरह की मायुसी थी। ग्रामीणों का कर्नल राठौङ से इतना गहरा लगाव था कि उनको मोक्ष धाम तक पहुंचाने के लिए बच्चे, बुढों सहित महिलाऐं भी शामिल होने से रोक नहीं पाई। जगह-जगह पर पुष्प वर्षा व गुलाल से बैकुंठी का स्वागत किया जा रहा था । बच्चों ने बैकुंठी के नीचे से निकलकर कर्नल से आशीर्वाद लिया।
इस दौरान सेना के आला अधिकारियों ने पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर सलामी दी। कर्नल के तीनों बेटों रिटायर्ड कर्नल बजरंगसिंह, दिलीपसिंह, रिटायर्ड नेवी ऑफिसर ईश्वर सिंह व छोटे भाई रिटायर्ड कमांडेट हनुमानसिंह ने मुखाग्नि देकर कर्नल राठौड़ को श्रद्धांजलि दी वहीं उनकी बेटी उर्मिला कंवर ने पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया।
*यह अधिकारी हुए शामिल*
कर्नल राठौङ की अंतिम यात्रा में सेवानिवृत्त डीजी बीएसएफ मदनसिंह, बीएसएफ कमांडिंग ऑफिसर विनय कुमार यादव, थर्ड कार्डिनल बटालियन के सुबेदार खुम्माराम गोरा, हवलदार मनफूल राम, संदीपसिंह, यादाराम गुर्जर सहित कई सैनिकों ने पुष्पचक्र अर्पित कर सलामी दी ।
*भारत माता नारो से गुंजायमान हुआ गांव*
कर्नल राठौङ की अंतिम यात्रा के दौरान जब तक सुरज चांद रहेगा ,कर्नल साहब का नाम रहेगा…., वंदे मातरम् व भारत माता के जयकारों से पूरा गांव गुंजायमान हो गया।
*गांव के नोजवानों ने सम्भाली व्यवस्थाएं*
कर्नल राठौङ की अंतिम यात्रा में उमङे जनसैलाब को देखकर गांव के युवाओं ने व्यवस्थाऐं सम्भाली। महिलाओं, बच्चों व बुढों को कोई असुविधा न हो इसके लिए जगह-जगह पर युवा तैनात थे। शवयात्रा में शामिल सभी लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई।
*गांव में बिताया अंतिम समय*
कर्नल शिवजी सिंह राठौङ का सैनणी गांव से विशेष लगाव था। उनका पूरा परिवार शहर में रहने के बावजूद कर्नल दो सेवादारों के साथ गांव में रहकर जीवन का अंतिम समय बिताया। ग्रामीणों ने बताया कि कर्नल गांव वालों के लिए किसी भगवान से कम नहीं थे। उन्होंने सेना में बतौर भर्ती अधिकारी गांव सहित आस-पास क्षेत्र के 36 कौम के युवाओं को सेना में भर्ती करवाया था। जिनमें से कई आज भी सेवारत हैं।
इस मौके पर बड़ी संख्या में पश्चिमी राजस्थान के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी भी पहुंचे और जैसे जैसे लोगों तक कर्नल शिवजी सिंह के निधन के समाचार मिल रहे हैं उनका गांव सैनणी में पहुंचने का सिलसिला जारी है।
*सेना मेडल, 2 वीर चक्र व 5 वीरता पुरस्कार सहित सर्विस केप को भी अंतिम यात्रा रखा साथ*
कर्नल राठौड़ ने अदम्य साहस के कारण सरकार द्वारा उन्हें सेना मेडल, 2 वीर चक्र व 5 वीरता पुरस्कारों से नवाजा जा चुका था। इन सभी पुरस्कारों के साथ सर्विस केप को भी अंतिम यात्रा में शामिल किया गया था।