रूण फखरुद्दीन खोखर
गायों के चारे के लिए आगे आए किसान, शुरू की जुताई
रूण- निकटवर्ती गांव चिताणी में नवनिर्मित श्रीहनुमान गौशाला के पास स्थित गोचर भूमि मे बुधवार को गो प्रेमी ग्रामीणों ने गायों के लिए मानसून पूर्व जमीन जोतने की तैयारी की। गौशाला संचालन समिति के सदस्यों ने बताया की दो दिन पहले गौशाला में इस आशय की एक बैठक करके जुताई करने का निर्णय लिया गया,
किसानों ने मिलकर गौशाला की गायों के लिए चारे की व्यवस्था बाबत गोचर भूमि में चारे की बुवाई से पूर्व सभी ने मिलकर अपने अपने ट्रैक्टरों से निशुल्क तैंंया (कल्टीवेटर) निकालकर मानसून की बरसात आने से पहले पहले गोचर जमीन तैयार करने का कार्य किया। इस दौरान आसपास के गांव ढाणियों से आए किसानों और बुजुर्गों ने युवाओं का हौसला बढ़ाया , इस कार्य में ग्रामीणों ने 21 ट्रैक्टरों की सहायता से कुल 35 बीघा जमीन में तैंया निकाली, इस अवसर पर किसानों ने मारवाड़ के फेमस गीत *बरस बरस मारा इंदर राजा तू बरसीया म्हारो काज सरे* सहित अपने इष्ट देवता के गीतों की स्वर लहरियों पर नाचते हुए जुताई की, संचालन समिति के सदस्यों ने बताया कि बारिश होने पर उसमें ज्वार एवं बाजरे की बिजाई की जा सके। इस कार्य के समय हनुमान गो सेवा समिति के सदस्यों के अलावा भीखाराम सारण, भींयांराम सारण, पप्पूराम गालवा, मनोहर दास, मदनलाल सारण,रेवन्तराम रायल, पूर्णदास, धर्माराम रायल, तेजाराम, हरिराम नायक,गणपत राम नायक सहित कई ग्रामीणजनों के साथ कई युवा मौजूद थे।
*ट्रैक्टर चालकों और कार्यकर्ताओं के लिए कि किसान परिवार ने व्यवस्था*
तेज गर्मी को मद्देनजर रखते हुए इस मौके पर तेजाराम मोडाराम सारण परिवार की ओर से इस कार्य में लगे सभी किसान गो प्रेमियों के लिए चाय पानी, नाश्ता की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार गांव के युवाओं ने जमीन जोतते ट्रैक्टर चालकों को पीने का ठंडा पानी उपलब्ध कराया।
*श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आए 40लाख रूपये गायों के लिए*
गौ सेवा समिति के कोषाध्यक्ष धर्माराम सारण ने बताया पिछले पखवाड़े इस गोशाला परिसर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हुआ था, जिसमें सभी समाज के लोगों ने गायों के लिए दिल खोलकर दान दिया, जिसमें चारा ,पानी,गुड़,टीन शेड वअन्य निर्माण कार्य के लिए भी घोषणा हुई और इसी के साथ 40 लाख रुपए गायों के लिए आए, लगभग 200 गायों के लिए आगामी दिनों में गौशाला में ही हरे चारे की व्यवस्था के लिए गौशाला के समीप ही स्थित गोचर जमीन को जोतकर चारा फसल के लिए बुधवार को तैयार किया।