उथनोल सरपंच सहित 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर नाथद्वारा पुलिस ने किया मामला दर्ज





राजकार्य में बाधा डालना, सार्वजनिक संपति को नुकसान पहुंचाना, समूह में हमला करना और मानव जीवन को खतरे में डालने की धारा में मामला दर्ज



पत्रकारों को पुलिस से नही मिला न्याय तो जनप्रतिनिधि सरपंच के खिलाफ ली कोर्ट की शरण

नाथद्वारा एसीजीएम कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को पुलिस ने उथनोल सरपंच सहित 10 ग्र्रामीणों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया। उथनोल सरपंच विजेंद्रसिंह उर्फ जितेंद्रसिंह सहित 10 अन्य ग्रामीणों के खिलाफ सरकारी आपतकालिन वाहन 108 एंबुलेंस को जबरदस्ती रूकवाने और एंबुलेंस का कांच फोड़ने के आरोप है। एंबुलेंस चालक और मरीज के परिजनों द्वारा मामले को लेकर सरपंच सहित ग्रामीणों के खिलाफ विभिन्न आरोप लगाते हुए नाथद्वारा पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन पुलिस ने मामले को जांच में रखते हुए एफआईआर नहीं काटी गई।

इस पर पत्रकारों ने कोर्ट में सरपंच के विरूद्व इस्तगासा पेश कर न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट ने मामले की गंभिरता को देखते हुए सरपंच सहित आरोपी ग्रामीणों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच करने के नाथद्वारा पुलिस को आदेश दिए। दिनेश माली ने बताया कि 7 मार्च 2023 को 108 आपातकालीन एंबुलेंस रोगीवाहन को उथनोल सरपंच विजेंद्र सिंह सोलंकी उर्फ जितेंद्र सिंह और साथी 10 ग्रामीणों ने गांव उलपुरा में एंबुलेंस को रोका और एंबुलेंस का कांच फोड़ दिया। माली ने कोर्ट को बताया कि सभी व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करना आवश्यक है, क्योंकि घटना की पुलिस थाना नाथद्वारा में एंबुलेंस चालक द्वारा रिपोर्ट देने के बावजूद अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जबकि एंबुलेंस चालक द्वारा घटना के दिन ही रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी। 108 आपातकालीन एंबुलेंस को रुकवाना, उसका कांच फोड़ना, मरीज पीडित पर जानलेवा पथराव करना गंभीर संगीन अपराध है। 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा में लगे ड्राइवर सेवक को भयभीत करना और उस पर जानलेवा पथराव करने का उक्त कृत्य धारा 341, 427, 336, 308, 332, 353 आईपीसी के तहत अपराध है, साथ ही धारा 3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत अपराध है। घटना के दिन क्षतिग्रस्त आपातकालीन एंबुलेंस का वीडियो और एंबुलेंस चालक के बयान और पीड़ित के बयान लेने के बाद, थाने से जानकारी चाही। जिस पर उपस्थित थाना अधिकारी द्वारा घटना की रिपोर्ट प्राप्त होने का कथन किया था, लेकिन हाल ही में पता करने पर ज्ञात हुआ है कि उक्त गंभीर अपराध की एफआईआर अभी तक पुलिस थाना नाथद्वारा में दर्ज नहीं की गई है।इन्होने पेश किया इस्तगासा बागोल ग्राम पंचायत के जोशीयो की मादडी निवासी प्रमोद जोशी पुत्र मोहनलाल जोशी, श्रीनाथजी काॅलोनी निवासी दिनेश पुत्र गणेशलाल माली और जोशीयो की मादड़ी निवासी शेखर पुत्र तोलाराम पालीवाल ने सरपंच के विरूद्व कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था यह है मामला माली ने बताया कि 7 मार्च की रात्रि को उलपुरा निवासी शिवप्रकाश की पुत्री बीमार हो गई थी। मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों ने 108 एंबुलेंस को सूचना दी। एंबुलेंस मरीज के लेने के लिए गांव में पहुंची और मरीज को घर से नाथद्वारा ले जाने के लिए रवाना हुई। इस दौरान समूह बनाकर खड़े सरपंच सहित ग्रामीणों ने एंबुलेंस को रूकवा दिया और चालक से पूछताछ करने लगे। इस दौरान एक व्यक्ति ने एंबुलेंस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे एंबुलेंस का कांच फूट गया और मरीज के परिजन और चालक डर गए। इसके बाद एंबुलेंस चालक बचाव करते हुए नाथद्वारा पहुंचा और मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाया। एंबुलेंस चालक ने नाथद्वारा थाने पहुंच आरोपियों के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने शिकायत को रखते हुए मामले में कोई कार्रवाही नहीं की। इस दौरान पत्रकारों द्वारा इसका विरोध किया। इस पर सरपंच के खिलाफ पत्रकारों ने मामले को लेकर कोर्ट की शरण ली।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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