रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण में भागवत कथा की पूर्णाहुति पर निकाली शोभा यात्रा
रूण-गांव रूण में श्री श्याम मंदिर के पास चल रही श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति सोमवार को हुई । इस दौरान पूर्णाहुति पर प्रवचन और हवन कार्यक्रम भी हुआ और कथा स्थल से भोमियासा महाराज मंदिर और प्रमुख मार्गो से होते हुए शोभायात्रा निकली, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुषों ने डीजे धुन के साथ नाचते गाते हुए भाग लिया।
कालूराम घासल और रामकुंवार महाराज ने बताया भागवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण सुदामा मिलन पर कथा वाचक सुदर्शन महाराज ने वाचन किया। कथा में बताया गया कि कैसे गरीब ब्राह्मण सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के कहने पर ना चाहते हुए भी द्वारिका जाने को तैयार होते हैं। सुदामा को कृष्ण से मिलने से द्वारपाल रोकता है। सखा कृष्ण सुदामा से मिलने के लिए अपने सिंहासन से उतरकर नंगे पांव दौड़ पड़ते हैं। इसके बाद कृष्ण सुदामा को गले लगाते हैं। सखा सुदामा से बचपन की बातें करते है। हालचाल पूछते है। अंत मे सुदामा के अपने गांव जाने पूर्व श्री कृष्ण कैसे सुदामा के घर को महल में तब्दील कर धन धान्य से भरपूर कर देते हैं।
इसीलिए आज भी कृष्ण सुदामा की दोस्ती की मिसाल दी जाती है आगे उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के पश्चात हवन से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। हवन यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। कथा समापन के मौके पर शिवकरण शर्मा, सोहनलाल,राजेंद्र टेलर, पुखराज,किशन लाइब्रेरी, नंदकिशोर सोनी, राजेंद्र कुमार शर्मा, पंडित नेमीचंद शास्त्री , ताराचंद सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।