सामाजिक कार्यकर्ता जनता सेवक प्रेमसिंह भावण्डा पिछले 15 वर्षो से अपनी पुश्तैनी जमीन से होने वाली आय भी बेबस असहाय लोगों पशु पक्षियों एवं सड़क दुघर्टनाओ में घायलों एवं गरीब कन्याओं की शादी में खर्च करते आ रहे हैं प्रेमसिंह भावण्डा प्रेमसिंह भावण्डा ने बताया कि मेरी स्वयं की जमीन से जो वार्षिक आय से तो सेवा में समर्पित करता आ रहा हूं साथ ही साथ दो दर्जन से अधिक भामाशाह लोग भी मेरे साथ जुड़े हुए हैं
जो मेरे उपर विश्वास करके सदैव बेबस असहाय लोगों की मदद करने में सदैव सहयोग करते आ रहे हैं प्रेमसिंह भावण्डा ने कहा कि कोराना महामारी के समय में भी हजारों जरूरतमंद लोगों की सेवा की गई खाने पीने की सामग्रियां वितरण की गई प्रेमसिंह भावण्डा के माता पिता का बचपन से स्वर्गवास हो चुका है प्रेमसिंह भावण्डा अपने स्वर्गीय माता पिता के इकलौते बेटे होकर भी राष्ट्र सेवा करने के लिए अविवाहित हैं प्रेमसिंह भावण्डा के दो बहनें भी है जिनकी शादी हो चुकी है वह अपने ससुराल में रहती हैं प्रेमसिंह भावण्डा ने कहा की मेरे जीवन का एक ही लक्ष्य सिर्फ सेवा करना प्रेमसिंह भावण्डा ने कहा कि मैं एक ऐसा अखिल भारतीय मानव सेवा मोर्चा मंदिर बनाना चाहता हूं जिसमें वृद्ध आश्रम महिला आश्रम अनाथ आश्रम सभी एक साथ में हो जो वृद्धजन हैं उन्हें एवं विधवा महिलाओं को एवं पीड़ित सोषित लोगों को अनाथ बच्चों के साथ रहकर अपनापन एवं अपना घर महसूस होगा प्रेमसिंह भावण्डा निस्वार्थ भाव से राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर सेवा करते हैं अगर कोई भी भामाशाह मदद करना चाहते हैं वह मेरे फोन पे नम्बर 9166422941 पर अपनी स्वेच्छा अनुसार सहयोग राशि भेज सकते हैं
भवदीय
प्रेमसिंह भावण्डा