आने वाले दर्शनार्थियो ,वैष्णव जन ,के लिए मन्दिर मंडल द्वारा दर्शन व्यवस्था के लिए किए पुख्ता इंतजाम ।
तिलकायत महाराज श्री द्वारा छप्पन भोग मनोर्थियों का लाल छत पर मन्दिर परंपरा अनुसार किया समाधान।
नाथद्वारा वल्लभ सम प्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा मन्दिर में तीन साल में एक बार आने वाले पुरषोत्तम मास के चलते नाथद्वारा मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के आलोकिक उत्सव मनोरथ, आयोजन पुष्टि मार्ग के प्रधान पीठ के गोस्वामी तिलकायत महराज श्री एवं श्री विशाल बावा ने लाडले लाल प्रभु एवं श्री मदन मोहन लाल प्रभु को”छप्पन भोग,के मनोरथ में प्रभु को लाड लड़ा कर प्रभु की आरती उतारी इस अवसर पर मन्दिर के मोती महल प्रागन मे छप्पन भोग मनोरथ का आयोजन किया गया
जिसमें दर्शन के लिए दर्सनार्थियो सहित वैष्णव जन का सैलाब. उमड़ पड़ा साथ ही श्रीजी प्रभु के अधिक मास के मनोरथ में राजभोग के दर्शन में श्रीजी प्रभु को श्याम मलमल का पिछोड़ा पीले हाशिया का वस्त्र एवं ठाडे वस्त्र श्याम पीली पट्टी वाले, पिछवाई श्याम पीले हाशिया की श्री मस्तक पे जड़ाऊ हीरा की पाग पे चंद्रिका को साज का अद्भुत श्रृंगार धरा कर रसिक भाव से सब साज घटा वक्त श्याम पीले चढ़े के भाव से”श्याम पीली दुरंगी घटा” के मनोरथ में में विराजित किया गया एवं लाडले लाल प्रभु को राजभोग दर्शन मे बाल भाव से नंदालय की छटा में चांदी की हटड़ी में पलना में बिरजाकर “पलना” के मनोरथ में विराजित किया गया
भोग आरती दर्शन में श्री प्रभु के मनोरथ में श्रीजी प्रभु श्री मदन मोहन प्रभु के रूप में डोल तिवारी में हिंडोरा में झूलकर प्रभु सम्मुख बिराजे एवं श्री लाडले लाल प्रभु निज मंदिर मे हिंडोलना में झूलकर तत्पश्चात मोती महल चौक में रसिक भाव से चांदी की हटड़ी में रसिक प्रिय संग के भाव से शाही दरबार में दीपदान की अद्भुत साज-सज्जा के मध्य “दीपदान” के मनोरथ में विराजे पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली में गो.ति.श्री 108 श्री इंद्रदमन जी श्री राकेश जी महाराज श्री की आज्ञा एवं गो.ची.श्री 105 श्री विशाल जी श्री भूपेश कुमार जी बावा श्री की प्रेरणा से हो रहे अधिक मास के मनोरथ अधिक श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को प्रभु के अधिक मास के मनोरथ में श्रीजी प्रभु में राजभोग के दर्शन में श्री प्रभु को श्याम रंग का पिछोड़ा पीले हाशिया का मलमल का वस्त्र,ठाड़े वस्त्र श्याम पीली पट्टी वाले, पिछवाई श्याम पीली हाशिया की एवं श्री मस्तक पर जड़ाऊ हीरा की पाग पे चंद्रिका के साज का अदभुत श्रृंगार धरा कर श्रीजी प्रभु को रसिक भाव से सब साज घटा वत श्याम पीले चढ़े की अद्भुत छटा के मध्य श्याम पीली “दुरंगी घटा” के मनोरथ में विराजित किया गया तथा भोग आरती दर्शन में डोल तिवारी में श्री मदन मोहन लाल प्रभु को श्रीजी प्रभु के स्वरुप में श्रावण माह के झूले के भाव से अधिक श्रावण के मनोरथ में हींडोरा में झूला कर तत्पश्चात श्रीजी प्रभु सम्मुख आनंद एवं रसिक प्रिय के भाव से श्रावण मास के मनोरथ में श्रावण माह की हरियाली की अद्भुत शोभा के मध्य बिराजित किया गया। श्री लाडले लाल प्रभु में राजभोग के दर्शन में श्री लालन प्रभु को लालन के चबूतरे पर बाल भाव से नंदालय की भावना से कांच एवं चांदी की हटडी में “पलना” के मनोरथ में संपूर्ण साज सज्जा के मध्य विराजित किया गया। लाडले लाल प्रभु के सांयकाल के मनोरथ में लालन के चौक में सावन माह के झूले के भाव से लाडले लाल प्रभु हिंडोरे में हिंडोलना झुलकर आनंद के भाव से रसिक प्रिय के रुप में मोती महल में “दीपदान” के मनोरथ में मोती महल चौक में रसिक प्रिय संग भाव से मोती महल में शाही दरबार की छटा एवं रंग बिरंगी रोशनी में सैकड़ों दीपमालाओं की भव्य साज-सज्जा एवं चांदी की हटड़ी में सखियों संग संपूर्ण सज्जा के मध्य संपूर्ण पुष्टि सृष्टि को दर्शन देने “दीपदान”के मनोरथ में बिराजे। इस अवसर पर गो ची श्री 108 श्री राकेश जी महाराज श्री एवं श्री विशाल बावा ने लाडले लाल प्रभु एवं श्री मदन मोहन लाल प्रभु को लाड लड़ा कर आरती उतारी।सांयकालीन मनोरथ से पूर्व श्रीजी प्रभु के स्वरूप श्री मदन मोहन लाल प्रभु को डोल तिबारी में सावन महीने के भाव से हिंडोलना झुलाया जाता है एवम् श्री लाडले लाल प्रभु को नीज मंदिर में हिंडोलना झुलाया जाता हे। साथ ही आने वाले दर्शनार्थियो वैष्णव जन को सहज दर्शन उपलब्ध हो सके इसके लिए मन्दिर मंडल द्वारा दर्शन व्यवस्था खेवा पद्धति से उपलब्ध करवाने के लिए ब्रजवासी सेवा वाले के साथ टाइगर फोर्स के जवान, श्रीनाथ गार्ड के कमांडिंग ऑफिसर किशन सिंह सहित उनकी टीम द्वारा मोर्चा। संभालते हुए आने वाले दर्शनार्थियो वैष्णव जन को दर्शन व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही आज छप्पन भोग मनोरथ के साथ अधीक मास संपन्न हुआ। साथ ही पूर्णिमा तक सावन माह के ठाकुरजी व लालन में हिंडोलना के दर्शन लाभ मिलता रहेगा।