दान करने से पैसा रहता है पाक (पवित्र)-मौलाना इदरीश रजा


रूण फखरूद्दीन खोखर


रूण-लकी ढाबा परिसर सैनणी मार्ग गांव रूण में सोमवार शाम को महफिल ए मिलाद कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में जोधपुर के राजस्थानी भाषा में तकरीर करने वाले मौलाना इदरीश रजा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। महफिल की शुरुआत मौलाना मोहम्मद रफीक अशफाकी ने कुरान शरीफ की तिलावत सें की।

इस दौरान मौलाना इदरीश रजा ने अपनी तकरीर में कहा कि अगर अपनी कमाई को आप पाक पवित्र रखना चाहते हैं तो कमाई का कुछ हिस्सा हमें दान करते रहना चाहिए, जिस तरह किसान आदमी अगर बरसात के पानी से फसल लेता है तो उसे फसल का दसवां हिस्सा दान करना चाहिए, इसी प्रकार ट्यूबवेल की सिंचाई से फसल अगर आप लेते हैं तो आपको उस फसल का 20 वां हिस्सा दान करना जरूरी है।

इसी प्रकार समय-समय पर अपनी जमा पूंजी में से भी हमें गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते रहना चाहिए, यह सब प्रक्रिया करने से हमारा धन पाक पवित्र रहता है। इसी प्रकार नमाज, रोजा,हज ,जकात,अकीका,झड़ूला के बारे में पूरी जानकारी दी गई, आगे इन्होंने कहा कि औरतों की इज्जत करनी चाहिए, वहीं औरतों को भी चाहिए कि अपने पति और सास ससुर सहित पूरे परिवार की इज्जत करें ,इसी प्रकार इन्होंने बताया कि जो व्यक्ति अपने मां-बाप की सेवा करता है उसके लिए दुनिया और आखिरत में भी जन्नत (स्वर्ग) है। इन्होंने कहा कि पुराने जमाने में औरतों पर जुल्म व अत्याचार होते थे, मगर हमारे नबी सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने आज से 14सौ वर्ष पहले दुनिया के औरतों की पैरवी करते हुए इन पर होने वाले जुल्मों को बंद करवाया और महिलाओं को उनका हक दिलाने में आगे रहे। इसी प्रकार इन्होंने दुनिया की हर भाषा सीखने के साथ-साथ उर्दू और अरबी भाषा सीखने की अपील की।

इन्होंने मारवाड़ी भाषा में अपने बयानों में कहा कि इंसान को कभी भी अपनी ताकत , दौलत का घमंड नहीं करना चाहिए, दुनिया में कई लोग ताकत और घमंड के लिए अपनी नाक को ऊंचा रखने का प्रयास करते हैं उनको ऐसा नहीं करना चाहिए, उन्होंने आगे कहा कि हमें फिजूल खर्ची रोकते हुए अपनी औलाद को बेहतरीन शिक्षा दिलाने में पहल करें । इस कार्य के लिए समाज के भामाशाहों को अपनी ओर से हर संभव मदद करनी चाहिए। रात्रि 12 बजे तक चले इस जलसे में मौलाना अब्दुल हकीम, मौलाना मोहम्मद रफीक, मौलाना राशिद ने भी अपनी तकरीर में हुजूर के बताए हुए रास्ते पर चलने की अपील करते हुए ईद मिलादुन्नबी के मौके पर अपने-अपने घरों में दरूद और फातिहा लगाने की बात कही। इस मौके पर नातख्वां नौशाद आलम अशरफी ने एक से बढ़कर एक नातें सुनाई। इस मौके पर मोहम्मद रशीद मुल्लाजी, हाजी मोहम्मद, सैयद फखरुद्दीन, शेर अली, मोहम्मद रफीक, मोहम्मद रमजान गोगेलाव, वजीर अली गोरी सहित काफी गांवों के लोग उपस्थित थे।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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