(जुगल दायमा)हसोर
गुरुवार को कस्बे सहित आसपास के गाँवो से सैकड़ों की संख्या में राजपूत समाज के लोग पुष्कर के जयमल कोर्ट में आयोजित हुए राजपूत चेतना शिविर में भाग लेने पहुँचे। शिविर में जिलाप्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा, समाजसेवी भँवरसिंह पलाड़ा, युवा नेता शिवप्रताप सिंह पलाड़ा की अगुवाई में हजारों लोगों ने विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर होते हुए घाट तक जुलूस निकाला।
इस मौके पर शिविर को संबोधित करते हुए जिलाप्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने कहा कि हजारों साल देश की राजनीति में दखल रखकर राज करने वाली क्षत्रिय जाति 1947 में सत्ता हस्तांतरण के 71 वर्षों बाद भी राजनैतिक रूप से दोराहे पर खड़ी है। इतने वर्षों बाद भी राजपूत जाति वोट तंत्र का महत्त्व क्यों नहीं समझ पाई ? राजपूत जाति ने इस देश के धर्म, अस्मिता, स्वतंत्रता, स्वाभिमान व संस्कृति को बचाये रखने के लिए एक से बढ़़कर एक बलिदान दिए। मातृभूमि की रक्षा के लिए राजपूत जाति सिर कटवाने में कभी पीछे नहीं रही, पर अफसोस आजादी के इतने वर्षों बाद भी लोकतंत्र में सिर गिनवाने के महत्त्व को आज तक नहीं समझ पाई।
विगत वर्षों में जान बूझकर राजनीतिक पार्टियों ने राजपूत समाजों की अपेक्षा दयनीय स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। इस तरह राजपूत समाज के लोगों के लिए यह अत्याचार सहन करने की सीमा समाप्त हो गई है। समाज की अपेक्षा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। समाजसेवी भँवरसिंह पलाड़ा ने कहा कि राजपूत समाज को एक मंच पर आने की आवश्यकता है। राजनैतिक दलों की गुलामी करने के बजाय खुद के वजूद का अहसास करा दीजिए। आने वाला वक्त आपका हैं। राजपूत समाज सदियों से छत्तीस कौमों का प्रतिनिधित्व करता आया है। सबको साथ लेकर चलना ही समाज की असली ताकत है। युवा नेता शिवराज सिंह पलाड़ा ने कहा कि समाज को काटकर कोई भी आगे नही बढ़ सकता हैं। राजनैतिक दलों को अब राजपूत समाज को लेकर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए अन्यथा समाज आठों विधानसभा क्षेत्रों में सबक सिखाने को तैयार है।
ये रहे मौजूद- इस दौरान मोहब्बत सिंह गुढ़ा, गोपाल सिंह सथाना, घनश्याम सिंह बनवाड़ा, बलबीरसिंह गुढ़ा, दिलीप सिंह किशनपुरा, सुरजन सिंह झाला, श्याम सिंह तस्वारिया, कुलदीप सिंह गोल सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।
फोटो-पादूकलां.चेतना शिविर में जिलाप्रमुख सुशील कंवर का स्वागत करते राजपूत समाज के लोग।