राकेश वेष्णव् ने मरने से पूर्व किया वीडियो जारी।
नाथद्वारा (के के ग्वाल जी) राजसमन्द जिला मुख्यालय पर राजसमंद केंद्रीय भूमि विकास बैंक लिमिटेड के निलंबित केशियर राकेश वैष्णव की सदिग्ध मृत्यु को लेकर भूमि विकास बैंक बचाओ संघर्ष समिति राजसमंद के संरक्षक दिनेश चंद्र सनाढ्य सी.ए, अध्यक्ष मोतीलाल एवं मंत्री नाथूलाल नंदवाना ने सारे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि भूमि विकास बैंक में विगत 15 वर्षों के दौरान 10 करोड़ से अधिक का आर्थिक घोटाला हुआ। इस संबंध में मार्च 2019 से लगातार मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर समस्त मामलों की जांच करने की मांग करता रहा। मगर अब तक मामले का मुख्य आरोपी कानूनी दाव पेच से बचता रहा और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को समय-समय पर पुलिस को सुपुर्द करके ऋण व नगद घोटाले औरअन्यअनियमितताओं को दफा दफा करने में लगे हुए हैं ,।
बैंक के निलंबित केशियर राकेश वैष्णव ने 30 सितंबर को मरने से पूर्व अपने फेसबुक आईडी पर 3 मिनट का वीडियो रिकॉर्डिंग करके पोस्ट किया ,जिसमें बैंक में हुए विभिन्न घोटाले का खुलासा करते हुए आत्महत्या करने की धमकी दी थी। दुसरे दिन ही संदिग्ध परिस्थितियों में राकेश वैष्णव की मृत्यु हो गई । यहा उल्लेखनीय है कि बैंक में विभिन्न घोटालों को लेकर अब तक 5 से अधिक कार्मिको की अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी हो चुकी हैं और आर्थिक घोटाला के आरोप में बैंक के तत्कालीन सचिव भवानी सिंह कविया को निलंबित भी किया गया। समिति के मंत्री नाथूलाल नदवाना के अनुसार भूमि विकास बैंक के तत्कालिक लिपिक रामेश्वर लाल, रिकवरी अधिकारी भंवरलाल सेन, होमगार्ड सुरेंद्र सिंह ,दलाल राजू खटीक एवं कैशियर दिलीप पुरोहित की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है। समिति के मंत्री ने बताया कि केशियर दिलीप कुमार अभी भी न्याय हिरासत में चल रहा है जबकि कविया को सरकार ने बहाल कर दिया है। भूमि विकास बैंक के विभिन्न घोटालों की जांच करते हुए सहकारिता विभाग ने सन 2016 मे प्रबंध कार्यकारिणी (अध्यक्ष) के खिलाफ कोऑपरेटिव की धारा 55 एवं 56 में दोष प्रमाणित कर दिये थे मगर उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश देने से तत्कालीन प्रबंध कार्यकारिणी बच गई थी। सन 2017 में बैंक के चुनाव में पुणे अध्यक्ष पद पर गोविंद सिंह चौहान चुने गए जिनका कार्यकाल जुलाई 2022 में पूर्ण हो चुका है। कार्यकाल पूर्ण होने पर बोर्ड भंग कर दिया गया है मगर चेयरपर्सन द्वारा उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश लाने के कारण बोर्ड भंग नहीं हुआ। राजस्थान उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2023 से पूर्व चुनाव करवाने का आदेश दिया मगर विभाग ने अभी तक चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की है। संघर्ष समिति के संरक्षक दिनेश सनाढय ने आरोप लगाया कि बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले को रफा दफा करने के लिए बैंक के प्रबंधक एवं अधिकारी विधानसभा चुनाव का बहाना बनाकर चुनाव नहीं कराने में सक्रिय है। संघर्ष समिति के संरक्षक ने बैंक में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच के लिए सी .बी .आई से जांच कराने की मांग करते हुए बताएं कि 50 से अधिक किसानों के नाम पर फर्जी ऋण उठा लिया गया तथा बैंक प्रबंध कार्यकारिणी की एक महिला निदेशक के पति रिकवरी अधिकारी है तथा एक सविदा कर्मचारी 75 वर्ष की उम्र मे भी रिकवरी अधिकारी के रूप में कार्यरत है, जो बैंक में विगत 30 वर्षों से कार्य कर रहा है। समिति के अध्यक्ष मोतीलाल ने कहा कि जब तक बैंक के कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नहीं हटाया जाएगा तब तक बैंक में हुए 15 वर्षों के तमाम घोटालों पर यह कर्मचारी पर्दा डालते रहेंगे ।अध्यक्ष ने यह भी मांग की है कि जिन काश्तकारो कि जमीन गिरवी है और उनके नाम पर फर्जी ऋण उठा रखे है, उन सब काश्तकारो को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करके भुमि को रहन मुक्त की जाए । समिति अध्यक्ष ने बताया कि सारे ऋण घोटाले के पीछे प्रबंध कार्यकारिणी की यह नियत थी कि राज्य सरकार काश्तकारों के दीर्घकालीन ऋण माफ करेगी उसमें सारे फर्जी ऋण भी माफ हो जाएंगे । मगर सरकार द्वारा ऋण माफ नहीं करने के कारण बैंक में हुए फर्जी लोन के 10 करोड़ से अधिक का गबन उजागर हो चुका है जिसके चलते रिकवरी अधिकारी, केशियर एवं दलाल अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं मगर किसानों को किसी तरह की राहत नहीं मिली है, आए दिन उनसे रिकवरी अधिकारी वसूली के नाम पर परेशान करते हैं। भूमि विकास बैंक बचाओ संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से बैंक के सारे घोटाले प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की और केशियर राकेश वैष्णव के संदिग्ध मुत्यु प्रकरण की एसीबी से भी जांच करवाने की मांग की है।