[बाबूलाल सैनी] पादूकलां । कस्बे के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सामने स्व भंवर राघवेंद्र सिंह शेखावत की स्मृति में संगीतमय भागवत कथा चल रही जिसके पंचम दिवस पर कथावाचक पंडित दिनेशानंदजी महाराज ने कहा कि राजस्थान में मीरा बाई का जन्म हुआ जो बचपन से ही साधु संतों के संग के प्रभाव से कृष्ण की अनन्य भक्त बन गई।
इस भक्ति मार्ग पर मीरा बाई को अनेक कष्ट सहन करने पड़े लेकिन मीरा बाई अपने पथ सेविचलित नहीं हुई।और निरन्तर कृष्ण भक्ति में लगी रही।सके बाद पंडित दिनेशानंदजी महाराज ने कथा में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं में माखन चोरी, कालिया नाग मर्दन लीला, ग्वाल बाल संग गोपियों को परेशान करना, गोवर्धन लीला का वर्णन किया। कथा के मध्य कृष्ण भगवान की बाल लीला माखन चोरी, गोवर्धन पर्वत लीला की दिव्य सजीव झांकियां सजाई गई। जिससे श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए।
भक्त से मिलने के लिए भगवान को भी भटकना पड़ता है गोकुल वासियों को दर्शन देने के लिए भगवान को भी कारागृह में जन्म लेना पड़ा लेना पड़ा एवं भगवान के दर्शन तो इतनी दुर्लभ है कि भोलेनाथ को भी हट करना पड़ा पंचम दिवस की श्रीमद् भागवत कथा में पंडित दिनेश आनंद जी महाराज ने बताया कि बाल गोपाल ने अपने बचपन से ही संपूर्ण सृष्टि को लीला दिखानी प्रारंभ कर दी बाल गोपाल अपने छोटे छोटे के साथ जाकर गोकुल में गुजारियों के घर में माखन की चोरी कर कर अपनी अलग ही लीला दिखने प्रारंभ कर दी गई थी
भागवत कथा में संजीव माखन चोरी की झांकी देखकर संपूर्ण श्रद्धा आनंदित हुए पंचम दिवस की कथा में पूतना वध तृणोवत वध वृंदावन धाम प्रश्न सुनकर सभी श्रोता खुशी से झूम उठे महाराज श्री के मुख से मेड़ता मीराबाई की भक्ति और तथा एवं कृष्ण के प्रति प्रेम के बारे में संपूर्णविस्तारपूर्वक बतायाभगवान की दिव्य सजीव झांकियां सजाई गई। जिससे श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए।