केके ग्वाल जी नाथद्वारा
नाथद्वारा वल्लभ सम प्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा नगर के प्रमुख मार्गो, गलियों सड़को बाजारों में नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,
नगर मे नगर पालिका प्रशासन ने साफ सफाई व्यवस्था पार्किग, बिजली सड़क सहित बाजारों में गुमते आवारा जानवरो , भिखारियों को लेकर नगर के बुद्धिजीवी प्रबुद्ध वर्ग जागरुक लोगो सहित गणमान्य नागरिक, यूवाओ कार्यकर्ताओं, मंच मोर्चा संग संगठन सहित राष्ट्रीय पार्टियों के स्थानीय पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए नगर में विकास कार्य को लेकर चर्चा करने पर बताया गया है कि नाथद्वारा नगर में विकास के नाम पर तो फ्याकडी का नाम गुल सफा है,
आज क्या कई वर्षों से नाथद्वारा नगर में विकास कार्य के नाम पर नगर की सड़को को कभी अंडर ग्राउंड बिजली केबल, पानी की पाइप लाइन, टेलीफोन लाइन, सिवरेज पाइप डालने के नाम पर खोदा और बंद कराने का कार्य वर्षों से किया जा रहा है जो आज तक भी पूरा नहीं होने से नगर वासियों सहित बाहर से आने वाले दर्सनार्थियो को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, नगर की सभी गली मोहल्ले में नालियों के गंदा पानी सड़को पर फैलने से पैदल चलना दुश्वार हो गया है कई बार बुजुर्ग महिला पुरूष दुर्घटना ग्रस्त हो कर चोटिल हो चुके हैं।
लोगो द्वारा जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने पर बताया जाता है कि नाथद्वारा नगर पालिका प्रशासन द्वारा हमारी कोई सुनता ही नहीं है, हम कुछ नहीं कर सकते, हालात और भी विकट हो जाते है जब बाहर से आने वाले वैष्णव जन, दर्सनार्थियों व पर्यटको के नगर में प्रवेश करते ही भिखारियों की टोली उनके पीछे लग जाती है, जब तक उनको कुछ नहीं दिया जा ता तब तक उनका पीछा नहीं छोड़ती है, बाजारों में आवारा जानवरो की भिड़ंत आए दिन होती रहती है हे जिसमे कई लोग अपने हाथ पैर तुड़वा चुके हैं , रोड़ लाइटे आए दिन आंख मिचोनी करती रहती है।
सुनने वाला कोई नहीं। पार्किग व्यवस्था को जानकार ट्रैफिक पुलिस जवानों के द्वारा समय समय पर होने वाले नगर उत्सव मनोरथ आयोजन के साथ राष्ट्रीय, प्रदेश स्तर के नेताओ मंत्रियों विधायकों के आने पर ये पुराने ट्रैफिक पुलिस जवानों व अधिकारियो की व्यवस्थाओ से लोगो को दर्शन समय पर व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है जिसके चलते नाथद्वारा में अस्थाई व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है, आगे भविष्य में स्थाई पार्किंग सुविधा व्यव्स्था जरूरी है। बाकी सब भगवान भरोसे चल रहा है, शासन, प्रशासन, आश्वासन चुनाव के वक्त नेताओ मंत्रियों विधायकों द्वारा दिए जाते रहे हैं और चुनाव जितने के बाद जब नगर आते जब अपने किसी करीबी दोस्त रिश्तेदार, नेता मंत्री के उत्सव मनोरथ आयोजन में नजर आएंगे बाकी जानता जाय,,,,,,।