[दीपेन्द्र सिंह राठौड़]पादूकलां। कस्बे सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों बंदरों से आमजन परेशान ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों का पिछले लगभग एक वर्ष से क्षेत्र में लगभग 100-150 लाल मुंह के बंदरों का आतंक अपने चरम सीमा तक पहुंच गया आए दिन नई-नई घटनाओं को गठित करने का अंदेशा बना रहता है जो घरों की छतों पर लगी पानी की टंकी व पाइप लाइन तोड़कर दी।
कई ग्रामीणों में बड़ा नुकसान कर दिया। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन व ग्राम पंचायत से जल्द ही बंदरों से निजात दिलाने की सथाना,पादूकलां सहित कई गांव में बंदरों ने मचाया आतंक मोहल्ले की महिलाओं ने बताया कि घरों के ऊपर लगी पानी की टंकी पाइप लाइन और कई कीमती सामान तोड़ दिए गए हैं।
ग्रामीणों को अपने घरों पर लगे पानी की टंकियां सौर ऊर्जा प्लट कांच की खिड़कियों कपड़ों छत पर सूखने के लिए रखी हुई खाद्य सामग्री आदि पर पहुंचते हैं नुकसान अब तो इन बंदरों के आतंक से हर कोई व्यक्ति भयभीत रहेने लगा है छोटे बच्चे बुजुर्ग को जानवरों तक नुकसान पहुंचते हैं सैकड़ो संख्या में होने के कारण नहीं कर पाते हैं इनका सामना इन बंदरों के जनसंख्या को बढ़ते हुवे को देखते हुए लग रहा है कि इनका आतंक और भी बढ़ेगा ग्रामीणों की बार-बार मांग करेन पर भी इन बंदरों को नहीं पकड़ा जा रहा है। अब तो महिलाओं बच्चोंहमलों, छीना-छपटी आदि गतिविधियों से महिला, बच्चे और आदमी परेशान थे. यह बंदर कई झुंड में अलग-अलग बंटे हुए थे. इन बंदरों ने कई ग्रामवसियों के लहुलुहान कर नुकसान भी पहुंचा चुके हैं. गांवों के लोगों ने परेशान होकर बंदरों के आतंक के कारन छत पर जाना भी छोड़ दिया गया है सैकड़ो संख्या में होने के कारण अब तो बंदर सड़क पर आवरा कुतो की तरह हर गली मोहल्ले में घूमते नजर आ जाते हैं। वन विभाग द्वारा भी इन बंदरों का निस्तारण नहीं कर पा रहे हैं।लाल मुंह के बंदर का आतंक है। बंदर राह चलते लोगों पर हमला करता है। तो कभी घर में पहुंच खाने की चीजें उठाकर ले जाता है। जिससे ग्रामीण अब खासे परेशान हैं। लेकिन वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।बार-बार जनप्रतिनिधियों को अवगत करने के बाद भी अभी तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया अत प्रशासन से आग्रह है कि इन बंदरों को पड़कर ग्रामीणों को उनके आतंक से मुक्त कराए।