Diwali Puja 2023 – घर में दिवाली पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और आवश्यक सामग्री

धनतेरस से भैया दूज तक पांच दिनों तक मनाई जाने वाली दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) एक महत्वपूर्ण त्योहार है। लक्ष्मी पूजा, या दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) पूजा, शुभ दिन पर हर भारतीय घर में किए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है। यह मुख्यतः शाम को देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है। लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। इसलिए पूजा अत्यंत प्रसन्नता और भक्ति के साथ की जाती है। देवी लोगों के जीवन में समृद्धि, धन और शांति भी लाती हैं।

यह त्योहार पूरे भारत में बहुत खुशी तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग एक साथ इकट्ठे होते हैं, खाते हैं व जश्न मनाते हैं। बुराई पर अच्छाई और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में पूरे घर में तेल के दीपक जलाए जाते हैं। दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) और लक्ष्मी पूजा इस साल 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अगर आप नहीं जानते कि घर पर दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) पूजा कैसे करें या दिवाली पूजा की सामग्री (Diwali Puja Samagri) क्या है, तो आगे पढ़ें।

दिवाली पूजा मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat)

हिंदू कैलेंडर की जानकारी के अनुसार, दिवाली पर लक्ष्मी पूजा 12 नवंबर 2023 को आयोजित की जाएगी।

यहां कुछ दिवाली पूजा मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat) की जानकारी दी गई हैं जो आपको जानना चाहिए: 

लक्ष्मी-गणेश आरती का शुभ समय- शाम 06:12 बजे से रात 08:12 बजे तक

लक्ष्मी पूजा की अवधि – 2 घंटे

प्रदोष काल – शाम 06:01 बजे से रात 08:34 बजे तक

वृषभ काल – शाम 06:12 बजे से रात 08:12 बजे तक

अमावस्या तिथि प्रारंभ होने का समय – 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02:44 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त होने का समय – 13 नवंबर 2023 को दोपहर 02:56 बजे

ध्यान दें: कई हिंदू दिवाली पूजा करने के लिए प्रदोष काल को सबसे शुभ समय मानते हैं।

दिवाली पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi)

दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि देवी लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर हर घर में आती हैं। इसलिए, देवी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन घर की सफाई तथा लाइट की व्यवस्था करना आवश्यक है। दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) के समय, निम्नलिखित अनुष्ठानों को ध्यान में रखा जाना चाहिए:

1. दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) पर सफाई महत्वपूर्ण है, खासकर अगर आप दिवाली पूजा करते हैं। आपको अपने घर को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और गंगाजल (गंगा नदी का पवित्र जल) छिड़कना चाहिए। आप घर को मिट्टी के दीयों, मोमबत्तियों और रंगोली से भी सजा सकते हैं।

2. अपनी पूजा या लिविंग रुम में टेबल या स्टूल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ दाने रखें।

3. चांदी या कांसे का 75% पानी से भरा कलश दानों के बीच में रखें। कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें।

4. कलश के दाहिनी ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो तथा बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें। छोटी थाली पर चावल का छोटी सी चपटी आकृति बनाएं, उस पर हल्दी से कमल का फूल डिजाइन करें, कुछ पैसे डालें तथा मूर्ति के सामने रख दें।

5. अपनी अकाउंट बुक और धन व बिजनेस से संबंधित अन्य वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें।
6. तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं और  मूर्तियों के सामने दीया जलाएं।
7. पूजा के लिए अपनी हथेली में फूल रखें और आंखें बंद करके मंत्र का जाप करें।
8. आपको प्रार्थना की मुद्रा में हाथ जोड़कर दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) पूजा मंत्र बोलना चाहिए। प्रार्थना करने के बाद, अपने हाथ में फूल लेकर गणेश और लक्ष्मी को भेंट करें।
9. लक्ष्मी की मूर्ति लेकर उसे जल स्नान के रूप में पंचामृत अर्पित करें। इसे पानी से फिर से धो लें, इसे ताजे तौलिये से साफ करें और कलश के साथ वापस रख दें।
10. देवी को भोजन, कुमकुम और हल्दी चढ़ाएं, साथ ही एक माला भी चढ़ाएं। मूर्ति के सामने अगरबत्ती और धूप जलाएं।
11. देवी को नारियल, सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएं। देवी को फल और प्रसाद चढ़ाएं और मूर्ति के सामने गुलदस्ता और कुछ पैसे रखें।
12. लक्ष्मी की आरती करें, थाली में एक दीया लाएं और पूजा की घंटी बजाएं। अब भोजन, मिठाई और प्रसाद बांटे और दान करें।

दिवाली पूजा की सामग्री (Diwali Puja Samagri)

पूजा सामग्री किसी भी पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि हर वस्तु, या सामग्री में कोई न कोई दिव्य ऊर्जा होती है। सही दिवाली पूजा की सामग्री (Diwali Puja Samagri) से पूजा विधि को करने से जीवन से सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। इससे आपको अपने लक्ष्य को पाने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, वेदों के अनुसार धनतेरस या दिवाली पर दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) करने से समृद्धि, धन, लक्ष्य की प्राप्ति और सभी प्रयासों में सफलता मिलती है।

आपकी पूजा को आसान बनाने के लिए यहां दिवाली पूजा की सामग्री (Diwali Puja Samagri) की पूरी लिस्ट दी गई है।

एक लकड़ी या धातु का तख्ता/चौकी

तख्त/चौकी को ढकने के लिए नया लाल या पीला कपड़ा

देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान गणेश की मूर्तियाँ / फोटो

कुमकुम

चंदन

हल्दी

रोली

अक्षत

पान का पत्ता और अखरोट

साबुत नारियल भूसी के साथ

अगरबत्ती

दीपक के लिए घी

पीतल या मिट्टी का दीपक

कपास की बत्ती

पंचामृत

गंगाजल

फूल

फल

कलश

पानी

आम के पत्ते

कपूर

कलाव

साबुत गेहूं के दाने

दूर्वा घास

जनेउ

धूप

झाड़ू

पैसा (नोट और सिक्का)

धातु की घंटी और आरती थाली

 

दिवाली पूजा की सामग्री (Diwali Puja Samagri) कैसे तैयार करें

उक्त सामग्री में से कुछ को नीचे दिए गए अनुसार तैयार करना होता है। आप में से कुछ लोग कुछ शब्दों से परिचित नहीं होंगे इसलिए इनको नीचे समझाया गया है।

अक्षत: अक्षत के दो प्रकार – मुख्यतः सफेद व लाल होते हैं जो देवताओं को चढ़ाए जाते हैं। सफेद अक्षत सफेद चावल को कहते हैं, जो भगवान सत्यनारायण और भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। लाल अक्षत देवी लक्ष्मी, दुर्गा, भगवान गणपति और अन्य जैसे देवताओं को चढ़ाया जाता है। इन्हें आप चावल को सिंदूर या कुमकुम के साथ मिलाकर बना सकते हैं।

पंचामृत: हिंदू परंपरा में, पंचामृत को विभिन्न पवित्र आयोजनों में देवताओं को चढ़ाए जाने वाला अमृत माना जाता है। संस्कृत में, पंच का अर्थ है पांच और अमृत का अर्थ है शहद। घी, चीनी, शहद, दूध और दही जैसे पांच अमृत का इस्तेमाल करके पंचामृत बनाया जाता है। इसमें से हर एक का कुछ महत्व है। शहद एकता का प्रतीक है, दही शक्ति प्रदान करता है, चीनी मिठास प्रदान करती है, घी शरीर को पोषण देता है और दूध पवित्रता प्रदान करता है।

  • एक कटोरी दूध लें
  • इसमें चीनी और घी डालें
  • फेंटा हुआ दही डालें
  • शहद डालें
  • चीनी घुलने तक अच्छी तरह मिलाएँ

 

कलावा : कलावा रुई से बना लाल और पीला धागा है, जो हमें बाजार में आसानी से मिल जाता है। इसका उपयोग हर पूजा में किया जाता है क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। यह धागा हर पूजा में इस्तेमाल होता तथा इसे भगवान को चढ़ाने वाले कपड़े के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कलाई से बांधे जाने पर यह हृदय संबंधी बीमारियों, रक्तचाप, मधुमेह और पक्षाघात जैसी समस्याओं से सुरक्षा देता है।

दूर्वा घास: अगर आपके यहां हरी घास वाला लॉन है तो आप वहां से दूर्वा घास तोड़ सकते हैं। दूर्वा घास ताजी हरी घास है जिसमें कोमल हरे अंकुर होते हैं। दुर्वा पूजा के दौरान कुछ देवी-देवताओं को भेंट की जाने वाली एक महत्वपूर्ण भेंट है। दुर्वा के नाजुक पत्तियों पर मौजूद ओस की बूंदों में देवताओं के दैवीय सिद्धांतों को अवशोषित करते हैं।

जनेऊ : जनेऊ सफेद रंग के धागे का होता है जो विभिन्न धागों से बना होता है। प्रत्येक हिंदू ब्राह्मण इस पवित्र धागे को पहनता है क्योंकि यह स्वच्छता में सुधार करता है, दीर्घायु प्रदान करता है। इसका उपयोग हर पूजा विधि में प्रसाद के रूप में किया जाता है। 3 धागे तीन देवी अर्थात् लक्ष्मी, सरस्वती और काली का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि अन्य ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) कैसे करें

अगर आपके पास समय की कमी है, तो यहां बताया गया है कि आप अपने घर में दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) पूजा कैसे कर सकती हैं।
  • घर की साफ-सफाई कर घर की उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में स्वस्तिक बनाकर उसमें चावल का बर्तन रखें।
  • अब देवी लक्ष्मी की एक तस्वीर या मूर्ति रखें जिसमें गणेश जी और सरस्वती को भी एक लकड़ी के थाल पर रखें जो कि लाल रंग के कपड़े से ढका हो।
  • मूर्तियों या प्रतिमाओं को जल छिड़क कर शुद्ध करें।
  • कुश आसन पर बैठकर भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और कुबेर जी को अक्षत, वस्त्र, दक्षिणा, आभूषण, सुगंध, धूप, फूल अर्पित करें।
  • हर देवता के माथे को रोली, चावल और हल्दी से सजाएं।
  • भक्ति के साथ भोग या प्रसाद चढ़ाएं और खड़े होकर आरती करें
  • आरती पूरी करने के बाद उस पर पानी छिड़कें।
  • पूजा के बाद घर के मुख्य द्वार और आंगन को दीयों या मोमबत्तियों से रोशन करें।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5:28 बजे समाप्त होगी और उसी दिन अमावस्या तिथि शुरू होकर 4:19 बजे तक चलेगी। लक्ष्मी पूजा 24 अक्टूबर को होगी और मुहूर्त शाम 6.54 बजे से रात 8:18 बजे तक 1 घंटा 24 मिनट तक रहेगा।

दिवाली पूजा का महत्व (Significance of Diwali Puja)

लक्ष्मी धन तथा समृद्धि का प्रतीक हैं। हिंदू धर्म में, उन्हें सफलता, धन-धान्य तथा व्यक्तिगत गुणों के लिए पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि वह लोगों की परेशानियों को दूर करके उन्हें आध्यात्मिकता की ओर बढ़ने में मदद करती हैं।

दीपावली या दिवाली (Diwali Puja 2023) पर, देवी लक्ष्मी की पूजा भगवान गणेश के साथ की जाती है, जो शुभता व ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हैं। भगवान गणेश नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं को दूर करते हैं। वह ज्ञान व शिक्षा के देवता हैं जो भक्तों को ज्ञान तथा सफलता का आशीर्वाद देते हैं।

दीपावली पूजा देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु की जाती है। चूंकि धन हमारे जीवन में प्रगति के लिए सबसे अहम होता है, इसलिए लोग दिवाली के शुभ अवसर (Diwali Puja 2023)  पर लक्ष्मी पूजा करते हैं। यहां, धन का मतलब पैसे से नहीं है। इसका अर्थ है कौशल, प्रतिभा व ज्ञान।

इसके अलावा, देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि व्यक्ति जीवन के अंतिम लक्ष्य तक पहुंच सके। आदिलक्ष्मी के रूप में भी जानी जाने वाली देवी हमें अच्छे स्रोतों से जोड़ती हैं और हमें शांति व शक्ति प्रदान करती हैं।

सूर्यास्त के बाद शुरू होने वाले प्रदोष काल के दौरान दिवाली पूजा करनी चाहिए। प्रदोष काल लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। इस काल के दौरान, स्थिर लग्न दिवाली पूजा या लक्ष्मी पूजा का सही समय है। स्थिर का अर्थ है अचल। ऐसा माना जाता है कि अगर आप स्थिर लग्न के दौरान दिवाली पूजा करते हैं तो देवी लक्ष्मी आपके घर में निवास करेंगी।

दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) पर कुछ महत्वपूर्ण बातें

दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जिसे बड़े उत्साह तथा खुशी के साथ मनाया जाता है। इसमें कई मिठाइयाँ और समारोह की तैयारी की जाती है। दिवाली पूजा 2023 (Diwali Puja 2023) हर घर का मुख्य त्योहार है। इस दिन परिवार के सभी लोग देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा करने के लिए साथ आते हैं। इस पूजा से जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और खुशी आती है। इसलिए, सही दिवाली पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi) का पालन करके तथा दिवाली पूजा की सामग्री से सही तरीके से करें।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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