पत्रकार बाबूलाल सैनी
लक्ष्मणगढ़ 14 नवंबर। विधानसभा चुनाव की तारीख ज्यों ज्यों नजदीक आ रही है त्यों-त्यों चुनाव प्रचार का शोर भी बढ़ने लगा है। राजनैतिक दलों की ओर से माइक के माध्यम से गली मौहल्लों में अपने प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने व प्रचार करने के लिए ऑटो व अन्य साधनों के जरिए लाउडस्पीकर लगाकर प्रचार किया जा रहा है जिसका शोर इन दिनों खूब सुना जा रहा है। इसी शोर के बीच भीतरघात की खामोश खबरें भी सुनने को मिल रही है।
राजनैतिक दलों की ओर से चुनाव प्रचार जोर शोर से किया जा रहा है। कैसेट के माध्यम से अपने दल की उपलब्धि व प्रत्याशी की खुबियां गिनाईं जा रही है तथा वोट की अपील की जा रही है। गांव की चौपाल हों या चाय की थड़ी बस चुनाव का ही शोर सुनाई दे रहा है। इस बीच खोयल म लाग सी अबक तो यह खामोश खबरें भी दबी जुबान से सुनने को मिल रही है।
लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 280028 मतदाता इस बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे। क्षेत्र में 53 ग्राम पंचायतों व 40 वार्ड है जो 25 नवंबर को वोट डालेंगे। लक्ष्मणगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ,भाजपा माकपा, आरएलपी,बसपा सहित 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव में कांग्रेस भाजपा के बीच कड़ा संघर्ष माना जा रहा है तथा दोनों ही दल अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विधायक गोविंद सिंह डोटासरा मैदान में है तो भाजपा से सुभाष महरिया चुनाव लड़ रहे हैं। माकपा से बिजेंद्र ढाका, आरएलपी से विजयपाल बगडिया, बसपा से महेश मैदान में हैं। डोटासरा लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार मैदान में हैं। जबकि महरिया दूसरी बार लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे हैं। इससे पहले 2013 में भी महरिया भाजपा की टिकट पर डोटासरा के सामने चुनाव मैदान में थें। उक्त चुनाव में डोटासरा ने करीब 10 हजार से अधिक मतों से महरिया को हराकर चुनाव जीता था। जबकि डोटासरा ने 2008 में पहला चुनाव 34 वोटों से निर्दलीय दिनेश जोशी को हराकर जीता तथा पिछला चुनाव भी डोटासरा ने भाजपा के दिनेश जोशी को करीब 22 हजार मतों से हराकर चुनाव जीता था। 2013 में दिनेश जोशी निर्दलीय प्रत्याशी भी रूप में चुनाव लड़कर अच्छे खासे मत हासिल किए थे। जबकि 2008 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में मदन सेवदा मैदान में थें। बहरहाल चुनाव में प्रचार का शोर बढ़ने लगा है वहीं भीतरघात की खामोश खबरें भी सुनने को मिल रही है।