[बाबूलाल सैनी ] पादूकलां । कस्बे सहित आस पास ग्रामीण आंचल में मंगलवार को भैया दूज का पर्व बड़े धुमधामसे मनाया गया । दिपावली के दो दिन बाद देशभर में भाई और बहन के अटूट प्रेम का त्यौहार भाई.दूज मनाया जा रहा है। इस त्यौहार पर बहनें भाई का तिलक कर उनकी लंबी आयु और उ’जवल भविष्य की कामना करती हैं।
भाई भी बहनों को उपहार और रुपए देते हैं। भाई दूज दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला त्यौहार है। रक्षाबंधन की ही तरह यह भाई और बहन के अटूट बंधन को दर्शाता है। हम आपके लिए भाई.दूज के इस पवित्र त्यौहार भैया दूज को बहिन अपने भाई को अपने घर बुलाकर अनेक प्रकार की मिठाई बनाकर भाई को खिलाकर कलाई के रक्षसुथर बाधती है। तिलक लगाकर अपने की उजवल भविष्य की कामना करती है। भाई अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है। बहिन अपने भाई का मुंह मिठा करवाती है।
बड़े व छोटे भाई की लम्बी उम्र की कामना की आचार्य पण्डित रामेशवरलाल उपाध्याय ने बताया कि भाई दूज का पर्व गोरधन के नाम से जाना जाता है। इस पर्व को लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं प्रचलित है। शास्त्र के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना ने अपने भाई यमको घर पर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था एक ही घर में रहने वाले भाई बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं और मान्यता है कि भाई दूज के दिन यदि भाई बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह क्षमता मंगलकारी और कल्याणकारी होता है उसे यम द्वितीया भी कहा जाता है भाई दूज को यम द्वितीया विकास जाता है इस दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा का विधान है इसीलिए इा त्यौहार को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है।शास्त्रों के अनुसार सूर्य की संज्ञान से दो संतानें थीं। एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना संज्ञा सुर्य का तेज सहन नकरने के कारण अपनी छाया मुर्तिका निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र पुत्री को सैपकर वाहसे चली गई। छाया को यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था। लेकिन यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे।लेकिन ’यादा कार्य होने से अपनी बहन से मिलने नही जापाते एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गये यमुना आने भाई को देखर खुश होगई बहन ने भोजन करवाया को भैट दी। बहनको वरधन मांगने कहा यमुना ने अपने भाई यम से कहा कि मुझे यह वर दे की हर साल आप मेरे यहां आंए और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंग कहा जाता है। इसी के बाद हर साल भाई दूज का पर्व व त्यौहार मनाया जाता है।