रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण-भगवान जात-पात नहीं देखते हैं सिर्फ श्रद्धालु की दिल की इच्छा से ही पहचान लेते हैं कि श्रद्धालुओं को क्या चाहिए, हमेशा ईश्वर से कामना करते हुए सच्चे दिल से आप कुछ भी मांगेंगे आपको मिलेगा यह विचार गांव रूण के पाबूजी महाराज मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित रामकिशोर दाधीच ने कहे,
इन्होंने कहा कि जो भी भक्त अपनी कमाई के हिस्से में से धार्मिक कार्यों में लगाता है उसका पैसा पवित्र हो जाता है ,हमें अपने मेहनत के धन और धान में से धर्म के कार्यों में दान देते रहना चाहिए। इस मौके पर सुखदेव महाराज की जन्म की कथा सुनाई गई इसी प्रकार इन्होंने कहा कि भगवान ने विदुरजी के यहां पर केले के छिलके भी खाए थे और
इस कथा में तरह तरह की झांकियां दिखाकर श्रद्धालुओं को संगीतमय भजनों पर नाचने के लिए मजबूर कर दिया। इस श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आसपास के गांव ढाणीयों के श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं।