महाविद्यालय में मिलते ही गदगद हुए सहपाठी, नम हुए नयन,
फुलेरा (दामोदर कुमावत)
राजकीय शाकंभर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पूर्व विद्यार्थियों की एक अल्यूमिनाई मीट का आयोजन किया गया, जिसमें चार दशक बाद एक-दूसरे से मिलकर गदगद हो गए, आंखें नम हो गई,मीट मे विजय शर्मा एडवोकेट, मोहन बधाला, सुरेश शर्मा, महेश दाधीच, किशोरी सोनी, ताराचंद सेन, सीताराम खटीक, सुरेंद्र सिंहानिया, हनुमान सिंह चूड़ावत, रामस्वरूप जोशी, सुशील पंडित, बबल मिश्रा, बी आर अटल, अरूण शर्मा, कैलाश शर्मा और अनिल गट्टाणी मौजूद रहे।
इन्होंने मिलते ही एक दूसरे को भूली बिसरी यादों को ताजा करते हुए 40 साल पहले के बीते दिनों में एक पल के लिए खो गए वही एक दूसरे को देखते ही भाव में बोर होकर आंखें नम हो आई, यह दृश्य देख कॉलेज स्टाफ और अन्य लोग दांतों तले उंगली दबा ली, बैठक में दो बातें तय की गई,
पहली अल्यूमिनाई एसोसिएशन के लिए सदस्यता आधार बढ़ाना और दूसरे संगठन का ढांचा औपचारिक रूप से प्रारंभ होने तक अनिल गट्टाणी संयोजक (कन्वीनर) और कैलाश शर्मा समन्वयक ( कोर्डिनेटर) के रूप में कार्यरत रहेंगे। इस महा विद्यालय में अध्ययन के बाद राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार ब्रजेश डांगरा, उद्योगपति विनोद पारीक और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कालानी का वीडियो संदेश सुनाया गया।
कालेज प्रधानाचार्य ने कालेज की वस्तुस्थिति से अवगत कराया और कालेज में विकास-संधारण संबंधी जो कार्य चल रहे हैं, उनमें सहयोग की अपील की।अल्यूमिनाई संयोजक अनिल गट्टाणी ने समग्र सहयोग के लिए प्रयासरत रहने का विश्वास दिलाया। समन्वयक कैलाश शर्मा ने एसोसिएशन के भावी विस्तार के रोड़मैप के बारे में बताया। महेश दाधीच ने कहा कालेज ने हमें बहुत कुछ दिया है, हम कितना भी कर लें उऋण नहीं हो सकते। सुरेश शर्मा ने युवा पीढ़ी से आगे आकर कालेज विकास में सहयोग की अपील की।
विजय शर्मा ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण शुरुआत है और हम सबकी कोशिश रहेगी कि हमारी कालेज हर दृष्टि से राजस्थान में नंबर वन बने। कार्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण रही प्रख्यात भजन व लोकगीत गायक हनुमान सिंह चूड़ावत की उपस्थिति, वे 1982 मे कालेज की एकल गायन प्रतियोगिता के विजेता थे, और उस समय जो चिरमी लोकगीत उन्होंने गाया था, वह सुना कर सभी को 42 साल पुरानी यादों में ले गए। प्रोफेसर मोहम्मद अनवर ने कालेज में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी दी, कार्यक्रम का
संचालन प्रोफेसर जया राय ने किया।