केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को मुंबई में इंडिया ग्लोबल फोरम के वार्षिक निवेश शिखर सम्मेलन – एनएक्सटी10 को संबोधित किया। इस मौके पर शाह ने यह स्पष्ट किया कि, ‘मोदी जी के नेतृत्व में भारत आज Fragile Five से Top Five Economy में आया है।’
भारत का हर नागरिक जानता है कि साल 2004 से 2014 तक जब केंद्र में सोनिया-मनमोहन की सरकार थी, उस दौरान देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें नंबर पर थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बीते 10 वर्षों में देश की अर्थवस्था को 5वें नंबर पर लाने का काम किया है। ऐसे में इस बात को मान लेना चाहिए कि मोदी जी अपने तीसरे टर्म में देश की अर्थव्यवस्था को तीसरे नंबर पर लाने में जरूर सफल होंगे। साल 2014 से पहले 10 साल पहले तक देश की अर्थव्यवस्था की हालत जर्जर थी, निवेशकों का भरोसा उठ गया था, लेकिन आज अमृतकाल में अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई है तथा भारत का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है।
आज कौन नहीं जानता है कि दूरद्रष्टा मोदी जी के नेतृत्व और अंत्योदय की राजनीति करने वाले अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ‘निष्क्रिय’ से ‘गतिशील’ हुई है, भारत की वृद्धि ‘प्रतिगामी’ से ‘प्रगतिशील’ हुई है और अर्थव्यवस्था ‘नाजुक’ से ‘शीर्ष’ में बदल चुका है। देश की जनता ने देखा है कि 10 साल में 40 से अधिक नीतियाँ बनाकर मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने का काम किया है और Policy-driven State का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज भारत वैश्विक मानचित्र पर DARKSPOT से Brightspot बन कर उभरा है। 10 साल की सरकार ने 50 से ज्यादा युगपरिवर्तनकारी फैसले लिए हैं। जिनमें शामिल हैं – नोटबंदी, जीएसटी, जन धन, तीन तलाक, नई शिक्षा नीति, सीएए, धारा 370 और 35 ए, नई शिक्षा नीति, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, तीन नए कानून, राम मंदिर का निर्माण, नए संसद भवन का निर्माण, कर्तव्यपथ का निर्माण, नॉर्थ ईस्ट, कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद जैसे तीन बड़े हॉट स्पॉट पर लगाम, घर-घर बिजली, गैस और जल, 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, किसानों को आर्थिक मदद, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक आदि। ऐसे और भी कई फैसले हैं जिसने भारत को पूरे विश्व में एक नई पहचान दिलाई है।
आज अमृतकाल में 2024 का लोकसभा चुनाव भी नजदीक है। ऐसे में चुनावी समर में विपक्षियों को करारी मात देने के लिए भारतीय राजनीति के चाणक्य एक बार फिर से मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ मैदान में उतर चुके हैं। बीते 10 वर्ष की उपलब्धियों के आधार पर देश की जनता ने भी एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का मन बना लिया है। विपक्षी दल भी जानते हैं कि जब शाह मैदान में उतरते हैं तो कमल जरूर खिलता है। किसी भी चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता शाह का फैक्टर ही काफी होता है।