केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने बृहस्पतिवार को समाचार एजेंसी एएनआई पॉडकास्ट को दिए गए साक्षात्कार में मोदी सरकार द्वारा हाल ही लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे झूठ के तथ्यों को उजागर करते हुए देश की जनता के सामने स्पष्ट किया कि, ‘मोदी सरकार सभी पात्र शरणार्थियों को नागरिकता देगी। सीएए नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता लेने का नहीं।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में ही सीएए लागू करने की बात कही थी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले देश भर में CAA लागू कर दिया गया। इससे यह साफ जाहिर है कि CAA भाजपा के लिए संवेदना का मुद्दा है, Political Gain का नहीं। राहुल गांधी से लेकर ओवैसी तक और अरविंद केजरीवाल से लेकर ममता बनर्जी तक सभी विपक्षी दलों के नेता झूठ की राजनीति कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का विरोध करने के बजाए वोटबैंक की राजनीति के लिए शरणार्थियों के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं। ममता बनर्जी को सीएए का विरोध करने की जगह घुसपैठ को रोकना चाहिए। दरअसल हिंदू और मुसलमानों के बीच द्वेष पैदा कर अपने वोट बैंक को साधना चाहती हैं ममता बनर्जी। भाजपा के बढ़ते विस्तार से यह मान लेना चाहिए कि वह दिन दूर नहीं है जब पश्चिम बंगाल में भी भाजपा की सरकार होगी और घुसपैठ पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी राज्य यदि यह दावा कर रहा है कि उनके यहाँ CAA लागू नहीं होगा तो उनके लिए भी राजनीति के गुरु अमित शाह का स्पष्ट संदेश है कि, ‘नागरिकता कानून केंद्र का विषय है, राज्यों के विरोध का कोई बुनियाद नहीं।’
देश की जनता यह समझ चुकी है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम मोदी जी और अमित शाह के लिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर, 2014 से पहले आए करोड़ों शरणार्थियों को उनके अधिकार देना, उनकी वेदना से उन्हें मुक्ति दिलाना और उनकी तीन पीढ़ियों को न्याय देने का मुद्दा है, जो कांग्रेस ने कभी नहीं दिया। इस कानून के लागू होते ही यह भी जाहिर हो चुका है कि मोदी-शाह ने शरणार्थियों की 75 साल की वेदना का अंत करने का काम किया है।
भारतीय राजनीति के चाणक्य और बड़े-से-बड़े निर्णय को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुँचाने वाले शाह के रवैये से यह साफ है कि, न INDI Alliance सत्ता में आने वाला है, और न ही CAA जाने वाला है। ध्यान देने लायक बात यह है कि किसी भी मुस्लिम के लिए भारत की नागरिकता लेने का रास्ता बंद नहीं किया गया है। दरअसल मोदी सरकार के हर फैसले का विरोध करना विपक्ष की आदत बन गई है, जिसका उदाहरण है – सर्जिकल, एयर स्ट्राइक, धारा 370 को हटाना, तीन तलाक को हटाना आदि।
2024 लोकसभा चुनावी समर में विपक्षियों को करारी मात का स्वाद चखाने के लिए भारतीय राजनीति के चाणक्य एक बार फिर से मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ मैदान में उतर चुके हैं। विपक्षी दल भी जानते हैं कि जब शाह मैदान में उतरते हैं तो कमल जरूर खिलता है। किसी भी चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता शाह का फैक्टर ही काफी होता है। बीते 10 वर्ष की उपलब्धियों के आधार पर देश की जनता ने भी एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का मन बना लिया है।