वार्षिक सत्संग समारोह एवं सुखराम महाराज का निर्वाण महोत्सव
रेणी गेट के पास स्थित रामधाम श्रीदेवल में रामधाम श्रीदेवल पीठाधीश्वर महंत रामकिशोर महाराज के सान्निध्य में आयोजित पांच दिवसीय वार्षिक सत्संग समारोह एवं सुखराम महाराज के 257वें निर्वाण महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को अखंड नाम जप, अनुभव वाणीजी का पाठ का दौर जारी रहा। वहीं कई धार्मिक कार्यक्रमों में बड़ी तादाद में श्रद्धालु शामिल हुए। इस मौके पर उत्तराधिकारी संत रामनिवास शास्त्री महाराज ने राम नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु महाराज द्वारा मंत्र लेकर जो व्यक्ति भजन करता है, उसका निश्चित रूप से कल्याण होता है। मनुष्य को अभिमान रहित होकर राम नाम का सुमिरन करना चाहिए। अभिमानी व्यक्ति भजन का अनुभव नहीं कर सकता।
जिस प्रकार मुंह में नमक के डली रखी हो तो उसको मिश्री खाने पर भी मिठास का अनुभव नहीं होता उसी प्रकार जिसके मन में अभिमान व अहंकार भरा हो, वह कभी राम नाम की मधुरता का अनुभव नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि गुरु के वचनों पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए। श्रद्धा और विश्वास के बिना परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती है। अटबडा से पधारे महंत हरिदास महाराज ने कहा कि मेड़ता प्रेम की भूमि है, जहां मीराबाई ने जन्म लेकर भक्ति की धारा को प्रवाहित किया तथा मीराबाई के मंदिर की सत्संग द्वारा सुखराम महाराज को दरियाव महाराज का भजन है कोई संत राम अनुरागी सुनने को मिला और तभी वह दरियाव महाराज के शरण में गए एवं उनके द्वारा दीक्षा ली। सत्संग ही गुरु से एवं परमात्मा से मिलने का साधन है। राम धाम देवल के महंत रामकिशोर महाराज ने कहा कि महापुरुषों द्वारा बताया हुआ मार्ग ही सच्चा मार्ग है, इस मार्ग पर चलकर हम परमात्मा की प्राप्ति कर सकते हैं। इस अवसर पर संत श्रवणराम महाराज जोधपुर, संत रमणराम, संत उदय राम, संत अनुराग ज्योति, संत भोलाराम, संत राघवदास, संत रमताराम, संत जगदीशराम, साध्वी विमला बाई सहित कई संतों का सानिध्य मिला। इस दौरान अटपडा पाली महंत हरिदास महाराज ने भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भाव- विभोर कर दिया। इस अवसर पर शिक्षाविद् लीलाधर सोनी, समाजसेवी नंदू श्री मंत्री, अधिवक्ता बाबूलाल गौरा, श्याम प्रजापत, ओमप्रकाश सारडीवाल, रतनलाल थानवी राजसा, मनीराम सारडीवाल, रामाकिशन प्रजापत, राम नारायण टेलर, जवरी लाल, रामचंद्र डूडी, ओमप्रकाश वैष्णव, गुलाब चौधरी, रामकिशोर डूडी, राजू भावसार, पारस प्रजापत, नरपत चौधरी, महेश प्रजापत, नंदू श्री मंत्री, प्रेम चौधरी आदि मौजूद रहे।