रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण-ईमानदारी अभी जिंदा है और इस ईमानदारी की मिसाल गांव रूण के फार्मासिस्ट डूकिया ने कई बार पेश की है, आज मेरा लॉकेट लौटाकर इन्होंने सराहनीय कार्य किया है जिसको मैं भूल नहीं पाऊंगा, यह विचार कन्हैयालाल शर्मा ने रूण बस स्टैंड पर तीन दिन पहले अपने खोए हुए लॉकेट को प्राप्त करते समय कही।
गौरतलब है कि एक अप्रैल को कन्हैयालाल शर्मा का सोने का लॉकेट ,रुद्राक्ष सहित रूण बस स्टेशन पर मेडिकल स्टोर के आसपास गिर गया था, यह लॉकेट मेडिकल संचालक फार्मासिस्ट मादाराम डूकिया को मिला और इन्होंने दिलखुश मीडिया ग्रुप रूण के माध्यम से प्रचार प्रसार किया और 5 घंटे में ही मैसेज देखकर इसके असली मालिक कन्हैयालाल शर्मा गुरुवार को उनकी दुकान पर पहुंचे ,जहां पर गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में लगभग 25हजार रुपए कीमत का यह सोने,रुद्राक्ष वाला लॉकेट इनको सौंपा गया।
लॉकेट प्राप्त होते ही शर्मा के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी लगभग 10 बार मादाराम डूकिया को स्टेशन पर व पर्स और नगद रुपए, गहने मिले हैं जिनको सोशल मीडिया के माध्यम से इन्होंने मालिको तक पहुंचाया। इस अवसर पर शर्मा की ओर से समाजसेवी भंवरलाल मेघवाल, पूर्व सरपंच सुखराम बटेसर, पूर्व जिला परिषद सदस्य श्यामसुंदर गोलिया, श्रवणराम डूकिया, फखरुद्दीन खोखर, मुलतानराम भाकर काफी संख्या में उपस्थित नागरिकों का मुंह मीठा कराया गया।