रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण-मूंडवा ब्लाक के गांव सैनणी की पहाड़ी पर गुफा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की विगत वर्षों में बढ़ती आवाजाही और उनके द्वारा प्लास्टिक की थैलियों में लाए जाने वाले प्रसाद साथ ही मनोकामना पूर्ण होने के लिए चढ़ाएं जाने पाळने व चुन्दड़ी के बढ़ते ढेर को देखते हुए ग्रामवासियों द्वारा निर्णय लिया गया कि बायांसा की तिथि प्रत्येक सातम को पहाड़ी क्षेत्र में सघन सफाई अभियान चलाया जाएगा जिसमें ग्रामीण अपना श्रमदान देंगे ताकि दूर-दूर से आने-जाने वाले श्रद्धालुओं में सैनणी गांव की स्वच्छ छवि बनी रहे।
बड़ी संख्या में प्लास्टिक थैलियां व अन्य कचरा हवा के साथ उड़कर तलहटी में स्थित गांव के तालाब के पानी को भी प्रदुषित कर रहा है उस पर भी रोक लगेगी।
आज गांव के जागरूक ग्रामीणों द्वारा प्रातः छह बजे बायासा मंदिर के प्रवेश द्वार पर एकत्रित होकर एक बैठक कर श्रमदान की शुरुआत की गई।
इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य नाथूराम चौधरी , विक्रम सिंह , सुभाष मूथा , राजेश जांगीड़ , रामनिवास सेन , बाबूलाल मिस्त्री , जितेन्द्र मालावत , अशोक मालावत आदि ने पहाड़ी के एक छोर से बड़ी संख्या में प्लास्टिक व अन्य कचरे को हटाया गया।
आस-पास के क्षेत्रों में धार्मिक आस्था का केंद्र विशेषकर संतान प्राप्ति की मनोकामना के लिए विख्यात सैनणी गांव की पहाड़ी की गुफा में स्थित बायांसा का यह प्राचीन मंदिर परमार वंश के शासन काल यानी 12 वीं से 13 वीं शताब्दी के मध्य का हैं।
इससे सम्बन्धित प्राचीन शिलालेख बड़ी संख्या में आज भी पहाड़ी की तलहटी में सुरक्षित खड़े हैं।
सैनणी गांव की इन प्राचीन धरोहरों को भी सभी ने संजोकर रखने का भी प्रण लिया।