रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण-नागौर जिले के कुचेरा क्षेत्र में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेते हुए अध्यापक फ़िरोज़ खान पठान ने अपने विचार कुछ इस तरह साझा करते हुए लोगो में जागरूकता लाने के प्रयास के संदर्भ अपनी बात रखी , पठान ने बताया कि
वो कहते हैं न अगर सास माँ बन जाये तो बहू बेटी बन जाती है और अगर माँ-बेटी एक हो जाये तो दुनिया की कोई ताक़त ,इस सोच को बदलने से रोक नहीं सकती.कहा भी गया है जो स्वर्ग को ही घर ले आती है वो है बेटी,और जो घर को ही स्वर्ग बना दे वो है बहू.. यह एक सच्चाई ही है कि बेटी ही बहू बनती है,चाहे वो बेटी हमारे घर से जाकर दूसरे के घर की बहू बनें या दूसरे के घर की बेटी हमारे की बहू बने.इस तरह की अच्छी सोच रखने के बावजूद समाज में एक बहुत गंदी सोच अभी ख़त्म नहीं हुई है,और वो है,बहू और बेटी में फ़र्क़ रखा जाता है , बहू के साथ अच्छा व्यवहार न करना यह गलत है।
बहु अपने ससुराल के लिए जो करती है वह उस घर की बेटी नहीं कर सकती। और एक बहु ही है जो उस परिवार का भाग्य बदलने की हिम्मत रखती है बेटी नहीं। बेटी जब बहु बनकर दूसरे के घर की शोभा बढ़ाती है तो तो यह सब सम्मान उसे बहु बनने के बाद मिल जाता है। किन्तु जिस घर में वह बेटी थी उस घर में उसका स्थान सिर्फ बेटी तक ही था। बेटी के ससुराल जाते ही बहु को बेटी का भी स्थान मिल जाता है ।
इसलिए अपने बहु और बेटी में किसी भी तरह का भेदभाव ना करे और ना किसी को करने दे क्योंकि बहु भी किसी घर की बेटी ही है।