पत्रकार बाबूलाल सैनी
लक्ष्मणगढ़। यथा नाम तथा गुण को सार्थक करने वाले महावीर प्रसाद गौड़ ने अपने नाम को सार्थक करते हुए सेवा, परोपकार व व्यवसायिक क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल की है।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी महावीर प्रसाद का जन्म 15 मार्च 1969 को श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में हुआ तथा स्नातक तक की शिक्षा हासिल करने के बाद सरकारी नौकरी की ओर रूझान करने की बजाय स्वयं के पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए जूट गये तथा कृषि व्यवसाय में नवाचार करते हुए कृषि क्षेत्र में दक्षता हासिल की। महावीर प्रसाद के दादाश्री मल्लाराम माली की स्मृति में गौड़ परिवार की ओर से साहित्यिकश्री सम्मान का पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रतिवर्ष दिया जाता है। श्री गौड़ ने गुणी जन समारोह समिति के अध्यक्ष रहते हुए जहां कोरोना काल में क्षेत्र के कलाकारों को आर्थिक सहायता तथा माली सेवा समिति के अध्यक्ष रहते हुए सैनी भवन का समाज के सहयोग से जीर्णोद्धार सहित अनेक विकास कार्य कराए। बिना किसी प्रचार प्रसार के जरूरतमंद व पीड़ित मानवता के सेवा के लिए परोपकार में जूट गये तथा अंतरराष्ट्रीय संगठन लांयस क्लब के संस्थापक सदस्य महावीर प्रसाद ने गांव गांव ढाणी ढाणी व शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों की सेवा करने लगे। क्लब के माध्यम से जिला अंधता निवारण समिति, चिकित्सा विभाग के सहयोग से क्षेत्र नेत्र शिविर लगाकर करीब 12 हजार से अधिक लोगों का लैंस प्रत्यारोपण करवा चुके हैं । इसके अलावा सर्दी के मौसम में जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण सहित जरूरत के अनुसार खाद्य सामग्री सहित अन्य सेवाओं से लाभान्वित करने लगे । महावीर प्रसाद विभिन्न सामाजिक, सार्वजनिक व साहित्यिक संस्थाओं से जुड़े हैं तथा वर्तमान में सेसोमू स्कूल, श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय, राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय, श्रीडूंगरगढ़ इतिहास समिति के सदस्य,गौशाला आदि से जुड़कर सेवा व परोपकार के कार्यों में अपनी अहम व महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।