जागरूक परिवार समृद्ध भारत के लिए संकल्प लेकर संस्कृति रक्षक बने: भानुदास
फुलेरा (दामोदर कुमावत) यदि गृहस्थ जीवन चाहते हैं तो दूसरों के हित के लिए अपना जीवन अर्पित करने को तैयार रहिए। परंतु यदि सन्यास जीवन की इच्छा है तो धन,सौंदर्य तथा अधिकार पर आंख तक ना उठाइए, हर एक अपने क्षेत्र में महान होता है, परंतु एक का कर्तव्य दूसरे का कर्तव्य नहीं हो सकता।
यह वक्तव्य विवेकानंद केंद्र कन्या कुमारी शाखा फुलेरा में मंगलवार को अमृत परिवार कार्यशाला में उपस्थित परिवार जनों को सुश्री सुरभि शर्मा ने कहे। कार्यशाला की व्यवस्था एवं संचालन एडवोकेट निशांत एवं शिक्षा विद शंकर कुमावत ने कस्बे के एक मैरिज गार्डन पर आयोजित विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा की ओर से अमृत परिवार कार्यशाला में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का सुचारू रूप से संचालन किया।
कार्यक्रम में पंजीकरण महेश मारोठिया एवं रतनलाल कुमावत ने, तीन ओंकार कार्यक्रम परिचय एवं गण विभाजन क्रमशः लक्ष्य, मुकेश एवं एड निशांत ने किया गणश खेल गण प्रमुख ने तथा अतिथि परिचय और गीत सारिका ने, केंद्र परिचय शंकर कुमावत, विवेक वाणी सुरभि शर्मा, चर्चा सत्र के दौरान कर्तव्य शिक्षा, स्वास्थ्य, संपन्न, संस्काररक्षक,जागरूकता, समृद्ध, भाषा-भूषा, भजन भोजन, भवन भ्रमण, व्यवहारिकता, संकल्प, संस्कृति एवं मेरा संकल्प परिवार और संकल्पित राष्ट्र के लिए भानु दास जी ने उपस्थित जन समूह को बताया
जबकि पाथेय विषय संस्कार आदि पर भाई भगवान जी ने चर्चा की कार्यशाला में उपस्थित परिवारों ने अपने-अपने संकल्पों की विवेचना करते हुए सामाजोथान एवं सहयोग की भावना से प्रेरणादायक अपने-अपने विचार प्रकट किये तथा अंत में 2 मिनट में शांति मंत्र का सामूहिक उच्चारण करते हुए कार्यशाला संपन्न की गई तथा सामूहिक भोज के बाद प्रस्थान किया।