आपणी खबरां
रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण-अंबुजा फाउंडेशन द्वारा क्रियान्वित की जा रही बेहतर कपास परियोजना के अंतर्गत गांव हिलोड़ी में गुरुवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया, जिसमें 230 महिला एवं पुरुष किसानों ने भाग लिया |
इस अवसर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कृषि अनुसंधान उपकेंद्र नागौर से डॉक्टर रोहिताश बाजिया ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए हमें जैविक खेती, गोबर की खाद, केंचुए खाद आदि के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए जिससे की मृदा की जैव विधितता में सुधार हो सके साथ ही हमें रासायनिक खादों को आवश्यकता के अनुरूप उपयोग में लेना चाहिए। हम अपनी मिट्टी की रक्षा करके, बेहतर फसल, बेहतर आजीविका और एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि फसल की बुवाई से पहले मिट्टी और पानी की जांच और परीक्षण के अनुसार आवश्यक पोषक तत्वों का उपयोग करें, साथ ही किसानों को कीट प्रबंधन और फसल में होने वाली बीमारियों से बचाओं की विधियों के बारे में भी बताया गया। बेहतर कपास उत्पादन के परियोजना अधिकारी अर्पित कुमार ने किसानों को बेहतर कपास परियोजना के अंतर्गत चल रही मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी,,
जैसे की हरी खाद का प्रयोग, डीकंपोजर का उपयोग खाद को बनाने में, बायोचार से मृदा में आर्गेनिक कार्बन बढ़ाने में, वनस्पतिक मल्चिंग, मृदा के कटाव को रोकने के लिए धोरा बंदी आदि के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर 10 से ज्यादा किसानों को सवाल जवाब कार्यक्रम के तहत इनाम दिए गए। कार्यक्रम का संचालन परमेश्वर भाकर ने किया। इस मौके पर रामप्रसाद गोलिया, मीरा देवी सारण, दिनेश डूकिया, रुपेश प्रजापत सहित अंबुजा के काफी कार्मिक उपस्थित थे।