रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण-निकटवर्ती गांव चिताणी के शतायू पार एक बुजुर्ग किसान का निधन होने से कस्बे में शोक की लहर छा गई। जानकारी के तहत शिक्षक रामदयाल , रामवीर सारण ने बताया गांव चिताणी के 105 वर्षीय बुजुर्ग पेमाराम सारण का गुरुवार देर शाम को निधन होने पर इनकी चौथी पीढ़ी ने शुक्रवार सुबह अंतिम यात्रा दाह संस्कार में ग्रामीणों के साथ भाग लिया।
इन्होंने बताया कि पेमाराम सारण शुरू से ही नशा मुक्ति अभियान का प्रचार प्रसार करते रहते थे, इसीलिए उनके परिवार में लगभग सभी नशा मुक्त हैं, 4 वर्ष पहले शतायू पार करने पर इन्होंने अपने घर पर भव्य भजन संध्या का भी आयोजन रखा था जिसमें कई संत महात्माओं ने भी भाग लिया था, इस दौरान संत महात्माओं ने भी नशा मुक्ति अभियान को सराहा था।
शुरू से ही जैविक खेती बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन का भी काम करते थे इन्होंने दिल्ली अलीगढ़, मुरादाबाद, अलवर ,कोटा और चंबल की घाटीयों में ऐवड़ चराने का कार्य किया था और शुरू से ही देसी खाद से ही खेती करने को बढ़ावा दिया था। इनके पुत्र गिरधारीराम और सुखाराम ने बताया की हमेशा सुबह-सुबह गाय या भेड़ का कच्चे दूध का सेवन करने वाले और देसी खानपान सेवन सें हमारे पिताश्री ने कभी भी इंजेक्शन नहीं लगवाया। इन्होंने हमेशा युवाओं को नशा मुक्ति का ही संदेश दिया।