रूण फखरुद्दीन खोखर
रूण-कृषि विज्ञान केंद्र अठियासन (नागौर ) में एक दिवसीय कृषि पर्यवेक्षकों (प्रसार कार्यकर्ताओं) का प्रशिक्षण का आयोजन गुरुवार को हुआ। जिसमें केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ गोपीचंद सिंह ने बताया कि नागौर जिले में लगातार भूमि का जल स्तर कम और गुणवत्ता कम होती जा रही है जिससे हमारे किसानों की फसलों का उत्पादन कम हो रहा है,
साथ ही बताया कि मिट्टी की उर्वता शक्ति बढ़ाने के लिए कार्बनिक खादों का प्रयोग करें जैसे गोबर की खाद ,केंचुआ की खाद, जैव उर्वरक, हरी खाद का किसानों को उपयोग करना चाहिए। इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी संशय वैज्ञानिक डॉक्टर हरिराम चौधरी ने बताया कि
रबि फसल जैसे सरसों, चना, जीरा ,ईसबगोल ,गेहूं, नागौरी पान मेथी में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के बारे में बताया गया और रबी फसलों को पाले से बचाने के लिए गंधक 2 ग्राम प्रति लीटर का छिड़काव और 10- 15 दिनों के अंतराल में बायो यूरीया 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर शाम के समय छिड़काव करें । इस कार्यक्रम में प्रसार कार्यकर्ताओं ने किसानों की खेती से संबंधित समस्याओं के बारे में केंद्र के वैज्ञानिकों से जानकारी ली।