मकराना (मोहम्मद शहजाद)। शहर के नए बाईपास पर स्थित मदर टैरेसा चर्च में क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर चर्च के पास्टर सावियो ने जानकारी देते हुए बताया की कई दिनों से चर्च के विश्वासी अपने घरों को सजा रहे थे और घर-घर जाकर क्रिसमस की बधाइयां दी जा रही थी।
क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसंबर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व में अवकाश रहता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमस टाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। 25 दिसंबर यीशु मसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं हैं और लगता है कि इस तिथि को एक रोमन पर्व से संबंध स्थापित करने के आधार पर चुना गया है।
आधुनिक क्रिसमस की छुट्टियों मे एक दूसरे को उपहार देना, चर्च मे समारोह और विभिन्न सजावट करना शामिल हैं। इस सजावट के प्रदर्शन मे क्रिसमस का पेड़, रंग बिरंगी रोशनियां, बंडा, जन्म के झाँकी और हॉली आदि शामिल हैं। परंपरागत रूप से क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का उत्सव है। उन्होंने यह भी बताया कि क्रिसमस 6 दिसंबर को खत्म होगा। इस दौरान कई घरों में केरल सिंगिंग के गीतों को गाकर क्रिसमस की बधाई दी जा रही है। इस मौके पर सभी चर्च विश्वास उपस्थित रहे। वह केक काटकर क्रिसमस की बधाई दी।