अप्रवासी राजस्थानी पहुंचे मातृभूमि रूण नगरी ऐतिहासिक धरोहरों का किया भ्रमण

रूण फखरुद्दीन खोखर

रूण -वर्षों पहले राजस्थान से कई सेठ साहूकार देश के कोने कोने में जाकर अपने व्यापार को आगे से आगे बढ़ाया और राजस्थान का नाम रोशन किया है, मगर कर्म भूमि के साथ-साथ इन्होंने अपनी मातृभूमि को भी नहीं भूला है, इसी कड़ी में नागौर जिले के गांव रूण के जैन महाजन परिवार के 60 सदस्यों का एक दल एक साथ पहली बार अपनी मातृभूमि में पहुंचकर खुशीयां मनाई।

सेठ प्रश्नचंद कटारिया और बनेचंद गांग ने बताया कि इस गांव के भामाशाह स्वर्गीय देवराजजी कटारिया का परिवार बेंगलुरु और चेन्नई में वर्षों से रह रहे हैं, मगर पहली बार इस परिवार के 60 सदस्य नाकोड़ा और मेड़ता रोड़ पार्श्वनाथ मंदिर के दर्शन के बाद अपनी मातृभूमि में श्री शांतिनाथ जैन मंदिर रूण नगरी पहुंचे और मंदिर में दर्शन लाभ लेकर स्नात्र पूजन किया ,इसी प्रकार स्वामी वात्सल्य जैन भवन में कार्यक्रम रखा गया

जिसमें भजन गायक रामकिशोर दाधीच एंड पार्टी ने शानदार भजनों की प्रस्तुतियां देकर मेहमानों का मन मोह लिया, वही अप्रवासी राजस्थानी मातृभाषा के भजनों पर मोहित हो गए और नाचने लगे, इसी प्रकार इस परिवार के सदस्यों ने श्री भोमियासा गौशाला का निरीक्षण करके श्रद्धानुसार दान किया ।

इसी तरह भेंरुनाथ मंदिर के अलावा पुरानी हवेलियों को देखा और गांव के दर्शनीय स्थलों के साथ-साथ रत्नासागर तालाब पर बनी ऐतिहासिक छतरी और नए गार्डन में भी घूमने का आनंद लेते हुए अपने कैमरे में दृश्यों को कैद किया इस मौके रेंवतमल, ललित कुमार, महावीर कुमार, सुनील कुमार, संतोष कुमार, मनोज कुमार ,चंदन कुमार, मुनीम गणपत शर्मा, संजय चौरडिया,

महावीर चंद्र चौरडिया सहित गांव के जैन समाज के काफी गणमान्य नागरिकों ने इनका बहुमान किया। इसी प्रकार ग्रामीणों से मुलाकात करके पुरानी यादें ताजा की और उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसी अपणायत और कहीं नहीं मिलती है ऐसी अपणायत देखकर दिल को सुकून मिलता है।

Aapno City News
Author: Aapno City News

Leave a Comment

advertisement
और पढ़ें
Voting Poll
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में कौन जीतेगा ?
  • Add your answer