फखरुद्दीन खोखर
गांव रूण में हुआ जश्ने गरीब नवाज कॉन्फ्रेंस
रूण (नागौर) पंचायत समिति मूंडवा के गांव रूण में गुरुवार रात्रि में नूरानी जामा मस्जिद के पास गरीब नवाज युवा कमेटी की ओर से जश्ने गरीब नवाज मिलाद शरीफ का कार्यक्रम रखा गया।
इस मौके पर गरीब नवाज युवा कमेटी की ओर से आए हुए सभी मेहमानों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। इस मौके पर मुख्य मेहमान मकराना के मौलाना शमसुद्दीन कादरी ने अपनी तकरीर में कहा कि पश्चिमी देशों की संस्कृति और मोबाइल की वजह से हमारी औलादें बिगड़ रही है, मोबाइल के क्रेज में पुरानी संस्कृति और हमारे धर्म की बातों को युवा पीढ़ी भूल रही है और युवा पीढ़ी बुजुर्गों की इज्जत भी नहीं कर रही है ,
उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को घर से ही अच्छे संस्कार दें, बच्चों की पहली पाठशाला उसकी मां होती है इसके बाद बच्चों को दुनिया की पढ़ाई के लिए स्कूल या मदरसा भेजा जाता है हमें दुनिया की पढ़ाई के साथ-साथ धर्म की पढ़ाई कराना भी बेहद जरूरी है ताकि अपने ईमान की रक्षा के साथ-साथ अपनी आखिरत की जिंदगी को भी बंदा संवार सकता है। इन्होंने ख्वाजा गरीब जैसे वली औलिया और महापुरुषों की बताई हुई बातों पर चलकर नमाज पढ़ते हुए रोजे रखते हुए और हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलने की नसीहत दी ।
इन्होंने आगे अपनी तकरीर में कहा कि गरीब नवाज की दरगाह सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल है
यहां पर कोई भी धर्म का सवाली खाली हाथ नहीं जाता है। इन्होंने आगे बताया कि नबी का फरमान है की तलवार का घाव भर जाता है लेकिन जुबान का घाव भरता नहीं है ,इसीलिए जब भी बोले सोच समझ कर ही बोले। इसी प्रकार वर्तमान संस्कृति को बिगाड़ने में मोबाइल का बड़ा योगदान है इसीलिए हमें अपनी युवा पीढ़ी पर नजर रखनी बेहद जरूरी है। कार्यक्रम का मंच संचालन पेश इमाम हाफिज हसनअली और मौलाना शहजाद आलम ने किया। इस मौके पर पाली से आए फिरोज हशमती और नौशाद आलम अशरफी रूण ने एक से बढ़कर एक नातें सुनाकर माहौल को नूरानी बना दिया। रात्रि एक बजे तक चले इस जलसे में आखिर में देश में अमन चैन शांति और भाईचारे की दुआएं मांगी गई। इस अवसर पर मौलाना हाफिज जावेद आलम मिस्बाही, मौलाना यामीनअली, मौलाना राशीद अली ,मौलाना बिलालअली, मौलाना अकरमअली, मौलाना हुसैनअली, मौलाना इरफान फैजानी और हाजी लुकमान अली सहित गरीब नवाज युवा कमेटी के सदस्यो सहित सैकड़ो मोहल्लेवासी उपस्थित थे।