रूण फखरूद्दीन खोखर
आस पास के गांवो के किसान आते हैं यहां पान मेथी सूखाने
रूण (नागौर)- पंचायत समिति मूंडवा के कई गांवो में इन दिनों पान मेथी की पैदावार चल रही है। किसानों ने बताया की पैदावार अच्छी होने से मजदूरो, वाहन चालकों को भी अच्छा रोजगार मिल रहा है , ज्ञात रहे इस पान मेथी की उपज में रूण, इंदोकली, देशवाल, खजवाना, नोखा चांदावता ,भटनोखा सहित आसपास के गांवों की मिट्टी का बहुत बड़ा योगदान है ।
इन दिनों मंडी में नोखा चांदावता क्षेत्र की पान मेथी ऊंचे भावो में बिकती नजर आ रही है। इंदोकली के किसान श्रवणराम भाकर, जोगीराम, पप्पू उपाध्याय ने बताया कि यहां की जमीन में काफी जगह पानी जरूर फ्लोराइड युक्त हो गया है, मगर कई जगहों पर मीठा पानी भी उपलब्ध है, लेकिन यहां की जमीन का ऊपरी तल पान मेथी सुखाने के लिए वरदान साबित हो रहा है।
गांव नोखा चांदावता,रूण, इंदौकली सहित आसपास के कई गांवों में इन दिनों जमीन पान मेथी रूपी ओढ़नी ओढ़े नजर आ रही है। नोखा चांदावता के किसान शिवनारायण रियाड़, रामरतन मुंडेल,भागूराम,भुटाराम ने बताया कि हमारे गांव में आसपास के गांवों के किसान मेथी सूखाने के लिए आते हैं इन्होंने बताया कि मेथी के रंग रूप और जायके को बनाए रखने तथा उसके उच्चतम मूल्य को पाने के लिए किसान हर संभव प्रयास करते हैं और यहां सुखाई हुई मेथी का बाजार भाव भी उन्हें अच्छा मिलता है।
*यहां पर पान मेथी सूखाने का कारण*
गांव रूण के किसान अब्दुल रशीद, माणकराम देवासी, इंदौकली के रामभरोस भाकर ,धर्मेंद्र मुंडेल ने बताया कि रूण क्षेत्र के आसपास के काफी गांवों के लोग मेथी सूखाने आते हैं क्योंकि उनके वहां पर ज़मीन गीली रहती हैं और ओस ज्यादा गिरती है और जमीन पथरीली भी नहीं है, जिससे पान मैथी सूखने में देर लगती है और उसका रंग भी काला पड़ जाता है, इस कारण रूण,नोखा क्षेत्र की जमीन पर मेथी सूखाने आते हैं ताकि उन्हें कीमत ज्यादा मिले ।
*यहां सुखी हुई पान मेथी की विशेषता*
किसान गजेंद्र सेन, रामनिवास जांगिड़ नोखा ने बताया यहां सुखी हुई पान मेथी अपनी पहचान बनाने में पीछे नहीं हटती, इस जमीन पर सूखने के बाद पान मेथी का रंग और सुगंध बरकरार रहता है और मंडी में अच्छे दामों पर बिकने में पीछे नहीं हटती है, मंडी में आने वाले दूसरे गांवों के काश्तकार भी सुगंध एवं रंग को देखते ही मोहित हो जाते हैं उनका मन भी पान मेथी को रूण- नोखा क्षेत्र में जाकर मेथी सूखाने को दिल ललचाता है, वहीं व्यापारियों की नजर भी इस मेथी पर ज्यादा रहती है।
*यहां की जमीन की विशेषता*
कृषि विज्ञान केंद्र अठियासन के डॉक्टर हरिराम चौधरी और रूण कृषि पर्यवेक्षक अनिल कुमार वर्मा ने बताया रूण क्षेत्र में कई गांवों में मंगरा की पथरीली जमीन है और यहां पर जमीन थोड़ी जल्दी गर्म हो जाती है जिससे मेथी सूखाने में कम देर लगती है और यहां की जमीन थोड़ी कठोर भी है जिससे मेथी का रंग भरपूर हरा बना रहता है और इस जमीन में छोटे-छोटे कंकर भी होते हैं इस कारण मेथी को हवा मिलती रहती हैं और यही कारण है कि पान मेथी के लिए यह जमीन जीवनदान साबित हो रही है