खेजड़ी काटने का खतरनाक खेल: पर्यावरण को बचाने की जरूरत

बीकानेर जिले के छतरगढ़ तहसील में रजासर भटियां से मकरासर गांव की रोही तक राज्य वृक्ष हरि खेजडियों के पेड़ों को काटकर परिवहन किया गया है। यह घटना पर्यावरण के लिए एक बड़े खतरे का संकेत है।

मामले की जांच में पता चला है कि बजरंग लाल कुम्हार के खेत से 26 राज्य वृक्ष खेजड़ी काटकर सोलर कंपनी वालों द्वारा कटे गई। यह खेत सोलर कंपनी को नहीं दिया गया है, लेकिन उनके आसपास के खेत सोलर कंपनी में दिया हुआ है।

इस मामले में कालू सिंह सोलर कंपनी का दलाल है, जो वन माफियाओं को बुलाकर हजारों राज्य वृक्ष खेजड़ियों को कटवा कर परिवहन करने का कार्य करता है। यह घटना पर्यावरण के लिए एक बड़े खतरे का संकेत है, और इसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जरूरत है।

पर्यावरण प्रेमियों की चिंता

इस मामले में पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि खेजड़ी काटने से पर्यावरण को बड़ा नुकसान होता है, और इसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जरूरत है।

क्या होनी चाहिए कार्रवाई?

इस मामले में कठोर कानूनी कार्रवाई की जरूरत है। पर्यावरण प्रेमियों ने मांग की है कि खेजड़ी काटने वाले दलालों के खिलाफ नाम जड़ मुकदमा दर्ज किया जाए, और इस खेजड़ी कटाई पर पूर्ण रोक लगाई जाए।

वन विभाग की जिम्मेदारी

इस मामले में वन विभाग की जिम्मेदारी भी सवालों के घेरे में है। पर्यावरण प्रेमियों ने मांग की है कि वन विभाग को इस मामले में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए और खेजड़ी काटने वाले दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना चाहिए।

निष्कर्ष

इस मामले में पर्यावरण को बचाने की जरूरत है। खेजड़ी काटने से पर्यावरण को बड़ा नुकसान होता है, और इसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जरूरत है। वन विभाग और प्रशासन को इस मामले में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए और खेजड़ी काटने वाले दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना चाहिए।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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