होली का पर्व: माता श्री श्रीयादे प्रजापति की देन


तेजाराम लाडणवा
होली का पर्व हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरे विश्व में मनाया जाता है और इसका महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली का पर्व किसकी देन है? यह पर्व माता श्री श्रीयादे प्रजापति की देन है, जिन्होंने प्रहलाद को भगवान विष्णु के प्रति जानकारी देने और उन्हें सच्चाई के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

माता श्री श्रीयादे प्रजापति की कहानी
माता श्री श्रीयादे प्रजापति एक महान संत और गुरु थीं, जिन्होंने प्रहलाद को भगवान विष्णु के प्रति जानकारी देने और उन्हें सच्चाई के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एक दिन, माता श्री श्रीयादे प्रजापति एक बिल्ली के बच्चों को जिंदा बचने की प्रयास कर रही थीं। उसी समय, प्रहलाद वहां से गुजर रहे थे और उन्होंने माता श्री श्रीयादे प्रजापति को बिल्ली के बच्चों को बचाने की कोशिश करते हुए देखा।

प्रहलाद ने माता श्री श्रीयादे प्रजापति से पूछा कि वे बिल्ली के बच्चों को क्यों बचाने की कोशिश कर रही हैं। माता श्री श्रीयादे प्रजापति ने प्रहलाद को बताया कि वे बिल्ली के बच्चों को बचाने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि वे निर्दोष हैं और उनकी मौत अन्यायपूर्ण होगी।

प्रहलाद की शिक्षा
माता श्री श्रीयादे प्रजापति ने प्रहलाद को भगवान विष्णु के बारे में जानकारी देने और उन्हें सच्चाई के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने प्रहलाद को बताया कि भगवान विष्णु सभी जीवों के प्रति दयालु हैं और वे निर्दोष जीवों की रक्षा करते हैं।

श्रीयादे माता की पूजा
श्रीयादे माता की पूजा मथुरा जिले के एक छोटे से गांव में की जाती है, जहां उनका एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। इस मंदिर में श्रीयादे माता की पूजा की जाती है और उन्हें भगवान विष्णु की भक्त के रूप में पूजा जाता है।

होली का पर्व

राजा हिरण्यकश्यप एवं उनकी बहन बहन होलिका का अहंकार तोड़ा गया और होली का जलकर राख हो गई भक्त शिरोमणि श्री श्रीयादे माता के शिष्य भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु की कृपा से बोल ही बांका नहीं हो पाया था होली का पर्व प्रहलाद की विजय और उसके पिता की हार का प्रतीक है। यह पर्व भगवान विष्णु की महिमा का प्रतीक भी है, जिन्होंने प्रहलाद की रक्षा की थी। इसी खुशी में होली का पर्व पूरे विश्व में मनाया जाता है

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Author: Aapno City News

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