
मीरां शोध संस्थान परिसर में आयोजित एक बैठक में श्यामसुंदर सिखवाल को सर्वसम्मति से संस्थान का अध्यक्ष चुना गया।

इस अवसर पर गोविंद लाल सुथार, हेमंतकुमार जांगिड़, लीलाधर सोनी और उमा शर्मा रजत की मौजूदगी में आयोजित किय गये।
बैठक की शुरुआत में मां सरस्वती और स्वर्गीय दीपचंद सुथार की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित और माल्यार्पण किया गया।
श्यामसुंदर सिखवाल ने 2014 से 2025 तक के कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा बताई।
बाल साहित्यकार चांदमोहम्मद घोसी ने दीपचंदजी सुथार के साथ किए गए कार्यों को याद किया और संस्थान में सहयोग का आव्हान किया। राजस्थानी भाषा के साहित्यकार डॉ रामरतन लटियाल ने मेड़ता में बन रहे कन्या महाविद्यालय का नाम मीरांबाई के नाम पर रखने का सुझाव दिया।
श्यामसुंदर सिखवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि आगामी दिनों में कार्यकारिणी का विस्तार किया जाएगा और अगस्त में स्व. श्री दीपचंद जी सुथार की प्रथम पुण्य तिथि पर उनकी प्रतिमा का अनावरण और मीरां हिन्दी साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
यह पुरस्कार हर वर्ष भक्त शिरोमणि मीरां बाई शोध पर करने वाले प्रतिष्ठित साहित्यकार को दिया जाएगा।


Author: Aapno City News







