
संस्कृत शिक्षा के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग

राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ ने राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सभी जिला मुख्यालयों पर मुख्य जिला संस्कृत शिक्षा अधिकारी कार्यालय शुरू करने की मांग की है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तिवाड़ी मऊ द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि संस्कृत शिक्षा विभाग ने कहीं सीनियर प्रधानाचार्य को तो कहीं जूनियर प्रधानाचार्य को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, लेकिन न तो कार्यालय और न ही स्टाफ दिया गया है।
इस मांग के पीछे का कारण यह है कि संस्कृत शिक्षा के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। संगठन के प्रदेश कोषाध्यक्ष महेन्द्र पारीक मेड़ता ने बताया कि संगठन ने प्रत्येक जिले के लिए मुख्य जिला संस्कृत शिक्षा अधिकारी, शैक्षणिक अधिकारी, उप निरीक्षक, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं अन्य आवश्यक सभी पद प्राथमिकता से सृजित करवाकर मुख्य जिला संस्कृत शिक्षा अधिकारी कार्यालय शुरू करवाने की मांग की है।
इसके अलावा, संगठन ने ब्लॉक स्तर पर सामान्य शिक्षा के सीबीईओ कार्यालय की तरह सीबीएसईओ कार्यालय स्थापित करने एवं वर्तमान में चल रही संकुल प्रभारी व्यवस्था को समाप्त कर सामान्य शिक्षा की तरह यूसीईईओ एवं पीईईओ व्यवस्था के अनुरूप यूसीएसईओ एवं पीएसईओ पद नामों से व्यवस्था लागू करने का निवेदन किया गया है। अजमेर मण्डल अध्यक्ष श्रवण जाट ने बताया कि राज्य में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार का आभार प्रकट करते हुए विभाग एवं संगठन को प्रति भेजी गई है।


Author: Aapno City News







