
एडवोकेट अजय कुमार जावा ने कच्ची बस्तियों में रह रहे मजदूर एवं वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा के अधिकार के बारे में जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत, उन्होंने आरटीई एक्ट के तहत निशुल्क शिक्षा आवेदन की प्रक्रिया और उपयोगी दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी।


निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम
निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य 6 से 14 साल के सभी बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करना है। इस अधिनियम के तहत, प्राथमिक शिक्षा में बाधा डालने वाली फीस पर रोक है, और स्कूलों में शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न को मना किया गया है।
एडवोकेट अजय कुमार जावा ने बताया कि मजदूर एवं वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक और प्रेरित करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सहयोगी रहे एडवोकेट बजरंग प्रजापत एवं सोहनलाल, प्रकाश, रमेश, छगनलाल, रमेश, अर्जुनराम आदि बस्ती के लोग मौजूद रहे।
इस अभियान का उद्देश्य वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा के अधिकार के बारे में जागरूक करना और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। इस तरह के कार्यक्रमों से शहर के युवाओं को समाज के वंचित वर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी के बारे में जागरूक किया जा सकता है और उन्हें समाज के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
महत्वपूर्ण तिथियाँ:
- दिनांक 7 अप्रैल तक आवेदन किए जाने की अंतिम तिथि है।
- दिनांक 9 अप्रैल को लॉटरी खोली जाएगी।
शिक्षा के अधिकार के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वेबसाइट पर जा सकते हैं [1]।


Author: Aapno City News
