

मंगलवार को मीरा तैराकी संघ के तत्वावधान में कुंडल सरोवर के किनारे पर स्थित प्राचीन बंब बावड़ी में 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता मीरा महोत्सव के पूर्व अध्यक्ष चंद्र प्रकाश बिरला ने कहा कि प्राचीन ग्रंथों में 5000 वर्ष पहले वेदों के माध्यम से पृथ्वी, पर्यावरण, जैव विविधता, जीव जंतुओं और प्राणी मात्र की सेवा करना और प्रकृति का सम्मान करना प्रत्येक मनुष्य का परम कर्तव्य है।
पर्यावरण प्रेमी एवं मीरा स्मारक प्रबंधक नरेंद्रसिंह जसनगर ने पृथ्वी दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वप्रथम पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया था। तब से अब तक लगभग संसार के 200 देश में 22 अप्रैल को प्रतिवर्ष पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़ाना होता है।
इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए। इससे पूर्व में मीरा तैराकी संघ के मुख्य अतिथि, यजमानगणों द्वारा वरुण देवता और पृथ्वी माता की विधिवत पूजा अर्चना की गई। मीरा तैराकी संघ के अध्यक्ष राजकुमार दैया, संरक्षक मंजूलता दैया और कार्यकर्ता कैलाश चंद्र सोनी आदि कार्यकर्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए।
इस अवसर पर खुशी सोनी, तुषार सोनी, लक्की पवार, गोपाल राखेचा और मयंक राखेचा उपस्थित रहे। सभी ने पृथ्वी दिवस के महत्व को समझा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा।


Author: Aapno City News
