गुरु पूर्णिमा पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया


                                                                                                          पादूकलां। कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण आंचल में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कस्बे  के सार्वजनिक तालाब किनारे स्थित मेला मैदान सियाराम दास आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर्व पर अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

गुरु सियाराम दास जी महाराज आश्रम पहुंचकर गुरु महाराज के शिष्य महामंडलेश्वर संतदास जी महाराज द्वारा गुरु महाराज सियाराम दास जी महाराज की विशेष पूजा अर्चना की गई। गुरु मार्ग दर्शन दिए और सदैव गुरु के प्रति सदैव आज्ञा का पालन करने का आह्वान किया। इसी प्रकार राईको की ढाणी स्थित जोगेश्वर धाम शिष्य एवं महंत पर्वतनाथजी महाराज शिष्यों ने अपने गुरु जी की विशेष पूजा समिति गई गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर गुरु चरणों में मार्ग दर्शन किया और विशेष पूजा अर्चना कर अपनी परिवार की खुशहाली की कामना की मेवड़ा धाम श्री अच्छीनाथजी महाराज गुरु महंत पीर योगी लक्ष्मणनाथजी महाराज गुरु जी के शिक्षकों ने गुरु चरणों में प्रणाम किया और विशेष पूजा अर्चना कर उनका सम्मान किया गया।

जनप्रतिनिधियों ने गुरु पूर्णिमा पर अपनी गुरु व साधु संतों का आशीर्वाद लिया और पंच कुंडीय महायज्ञ ने भी भाग लिया। गायत्री चौराहा स्थित गायत्री प्रज्ञा पीठ परिसर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के तहत यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें आचार्य पंडित सुगनचंद पारीक हस्तीमल उपाध्याय गायत्री मंदिर के पुजारी कैलाश पारीक वेदमाता गायत्री की विशेष पूजा अर्चना कर अपने गांव में देश की खुशहाली एवं अच्छी बारिश की कामना की लोककल्याण एवं देश की खुशहाली एवं अच्छी बारिश की कामना की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन  वेदव्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूनम भी कहते हैं पंडित वेद प्रकाश बताते हैं कि इस दिन की विशेष महत्व है शिष्य गुरु की पूजा कर उन्हें दान दक्षिणा पुष्प वस्त्र आदि भेंट करते हैं इस दिन गंगा स्नान का महत्व है इस दिन घरों पर लोग भगवान विष्णु की पूजा की जाती है गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगाजल से स्नान करें मंदिर में चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर बैठकर गुरु मंत्र का जाप करें यदि गुरु सामने है तो सबसे पहले उनके चरण धोए उन्हें तिलक लगाएं और पुष्प अर्पण कर उन्हें भोजन कराएं और दक्षिणा दें इस दिन गुरु पूजा पद प्रात: काल स्नान पूजा आदि का नित्य कर्मों से निवृत्त होकर उत्तम और शुद्ध वस्त्र धारण कर गुरु के पास जाना चाहिए गुरु आशीर्वाद से ही विद्यार्थियों को विद्यार्थी हैं और उसके हृदय का अज्ञानता का अंधकार दूर होता है गुरु का आशीर्वाद ही प्राणी मात्र के लिए कल्याणकारी ज्ञानवर्धक और मंगल करने वाला होता है संसार की संपूर्ण विद्या गुरु की कृपा से ही प्राप्त होती है हमारे गुरुदेव उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने को कहा महामंडलेश्वर संतदासजी महाराज एवं पीर योगी लक्ष्मणनाथजी महाराज व रानाबाईजी मंदिर के मंहत पांचाराम महाराज ने गुरु पूर्णिमा का महत्व विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि गुरु पूर्णिमा और इसका महत्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं गुरु की पूजा का विधान है इसलिए इस दिन किसी भी व्यक्ति द्वारा जो कुछ भी अपना साधना के रूप में किया जाता है उसका फल भी उसे 100 गुना अधिक प्राप्त होता है गुरु किसी से वह अन्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे इस दौरान अनुयाई बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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