
फुलेरा(दामोदर कुमावत)श्री दादू संप्रदाय के प्रखर साधक एवं निपुर्ण संत रहे स्वामी श्री लक्ष्मी राम जी महाराज की 86 वीं पुण्यतिथि का आयोजन स्वामी लक्ष्मी राम महल, लक्ष्मी राम जी का बाग एमडी रोड स्थित जयपुर में श्रद्धा भक्ति एवं सम्मान के साथ संपन्न हुआ। स्वामी लक्ष्मी राम जी को उस समय में ‘देश की आजादी से पूर्व, महानतम गुरुओं के रूप में माना जाता था।

उन्हें ब्रिटिश सरकार ने आयुर्वेद का सूर्य की उपाधि से अलंकृत किया था। वह संस्कृत विद्या में पारंगत विद्वता प्राप्त, कविराज जयपुर राज्य के राजवैध एवं दादू पंथ के तल्लीन एवं निष्ठावान अनुयाई थे स्वामी लक्ष्मी राम जी ने जन मानस एवं समाज को आगे बढ़ाने के लिए कई अमूल्य संस्थान स्थापित किए जिनमें प्रमुख है

दादू संस्कृत महाविद्यालय, धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सालय जोहरी बाजार जयपुर, स्वामी जी ने आयुर्वेद शिक्षा एवं अध्यात्म जीवन को क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया स्वामी लक्ष्मी राम जी की 86 सी पुण्यतिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता विभिन्न महानुभावों ने की वैद्य दौलत राम स्वामी ने स्वामी जी के सामाजिक सुधारो एवं लोक सेवा में योगदान को उजागर किया,

वहीं संगीताचार्य वेध राम प्रकाश स्वामी ने बताया कि स्वामी लक्ष्मी राम जी ने ब्रिटिश काल में आयुर्वेद शिक्षा एवं चिकित्सा पर जो योगदान दिया वह आज भी लोगों के जहान में बसा है डॉ. शीशराम ओला ने स्वामी जी के शैक्षणिक एवं संस्थागत दृष्टिकोण पर वर्णन किया इसी के साथ राजेंद्र सिंह एवं ट्रस्टीगण ने श्री लक्ष्मी राम के श्री चरणों में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया कार्यक्रम में विशेष रूप से दादू पंथ की शिक्षा उनके समाज के प्रसार पर प्रकाश डाला जो स्वामी लक्ष्मी राम जी के जीवन का मूल्य आधार रहा यह समारोह स्वामी जी के जीवन सार, उनके द्वारा किए गए कार्यों की स्मृति में एक गंभीर प्रेरणादायक आध्यात्मिक वातावरण में समापन हुआ।


Author: Aapno City News
