वल्लभ कुल की प्रधान पीठ नाथद्वारा मन्दिर में परम्परा अनुसार श्राद्ध पक्ष कीअंतिम दिन बना सांझी की जगह कोट।

के के ग्वाल जी नाथद्वारा

सैकड़ों वेश्नवो द्वारा दर्शन लाभ लिया गया।

नाथद्वारा विश्व प्रसिद्ध वल्लभ सम प्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा मन्दिर में परम्परा अनुसार हर वर्ष की इस वर्ष भी श्रीनाथजी के फूल घरिया जी द्वारा कमल चौक में भव्य कागज का कोट बनाया गया है जिसमे प्रमुख रुप से महल, हाथी घोड़े, फूल बेल, पाती, बाग बगीचे, कुण्ड दरबार द्वारपाल, सहित पानी के कुण्ड में मगर जलीय जीव जन्तु का निमार्ण कर श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन कमल चोक मे निर्माण करवाया जाता रहा

जिसके दर्शन भोग आरती के पश्चात आम आदमी को दर्शन करवाए उक्त संदर्भ में फूल घरिया घनस्याम गुर्जर ने बताया कि सांझी बनाने का कार्य मंदिर परम्परा अनुसार हर वर्ष श्राद्ध पक्ष के प्रारम्भ होते ही केले के पत्ते से कटिंग करके कमल चोक मे प्रति दिन विभिन्न प्रकार की आलौकिक स्वरूपों में सांझी बनाई जाती है जिसमें प्रमुख रुप से लाल बाग महल, बाग बगीचे, खेत खलिहान, गाय भैंस कुण्ड बावड़ी, हाथी घोड़े राजा महाराजा, दरबान, जैसे कई किरदार का केले के पत्ते से कटिंग करके सांझी बनाई जाती रही है

और अंतिम दिन पूरे कमल चोक मे भव्य कोट बनाया जाता है, जो इस वल्लभ कुल की प्रधान पीठ नाथद्वारा मन्दिर की अनूठी परंपरा सदियों से निरंतर चली आ रही है,। साथ ही फूल घरिया घनश्याम गुर्जर ने बताया कि ठाकर जी के इसी श्रृंखला में चालीस दिन तक प्रति दिन फूल घरिया जी घोड़े पर बैठकर श्रीनाथजी मन्दिर मंडल अधीनस्थ लाल बाग में माला जी लेकर आते है जो मालाजी ठाकुरजी को शयन में श्री अंग पर अगिकर कराई जाती यह क्रम सदियो से जारी है।

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Author: Aapno City News

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