थाने में नहीं बुलाता, खुद चला जाता लोगो के पास, ताकि आमजन न हो परेशान
पक्षपात व अवैध कार्यों में संलिप्त रहने का नहीं लगा कभी आरोप
संखवास. पुलिस का नाम लेते ही हर किसी के मन में जो छवि उभरती है वह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन भावंडा थाना में तैनात एक पुलिस सिपाही संखवास बिट अधिकारी ने इस मिथक को तोड़ दिया है।
भावण्डा थाने पर तैनात चंदाराम ने अपने कार्यकाल में जनता के सामने अपने आपको ‘मित्र पुलिस’ के रूप में पेश किया। तभी तो जैसे ही उनके ट्रांसफर की खबर स्थापनीय लोगों तक पहुंची तो वह मायूस हो गए। कई लोगो ने तो सिपाही चंदाराम को फोन कर ट्रांसफर की बात सुन भावुक हो गए । सिपाही चंदाराम के तबादले का सुनकर हर कोई मायूस है। सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर लोग जमकर सिपाही चन्दाराम की सराहना कर रहे हैं।
*सरल स्वभाव व नेक इन्सान है सिपाही*
स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा है कि भावण्डा थाना का सिपाही चंदाराम बहुत ही नेक व ईमानदार सिपाही है। उन्होंने आज तक किसी गरीब मजलूम को परेशान नही किया। संखवास में हुई 6 चोरियों का उन्होंने खुलासा करने में उनका बहुत बड़ा योगदान हैं। साथ ही छोटे मोटे काम के लिए परिवादियो को सिपाही ने कभी भी थाने नही बुलाया। खुद लोगो के पास पहुंच कर उनकी मदद करता था। सिपाही चंदाराम पर इस थाने में रहने के दौरान कभी भी पक्षपात व अवैध कार्यों में संलिप्त रहने का कभी आरोप तक नही लगा।
*वापिस भावंडा थाना लगाने की जद्दोजहद*
अन्य थानों में जुगाड़ नींति के कारण और सिपाहियों का स्थानांतरण होने के बाद भी कई सिपाही थाने में जमे हुए। लेकिन इनके जैसे ईमानदार व सेवाभावी सिपाही का भावण्डा थाना से नागौर ट्रांसफर होना संखवास गाँव वालो को रास नहीं आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है इस संबंध में जल्द ही पुलिस अधीक्षक से मिलकर सिपाही चंदाराम को वापिस भावण्डा थाना लगाने की गुहार लगाएंगे। ताकि संखवास जैसे बड़े कस्बे में शांति बनी रहे। हर कोई सिपाही चन्दाराम के व्यवहार से खुश है। लेकिन ट्रांसफर के बाद से ही ग्रामीण उनको भावंडा थाना में वापिस लाने की जुगाड़ में लग गए है ।